500 बड़ी कंपनियों में इंटर्नशिप योजना का पायलट प्रोजेक्ट शुरू

नयी दिल्ली 03 अक्टूबर (वार्ता) प्रधानमंत्री इंटर्नशिप स्कीम इन टॉप कंपनीज का पायलट प्रोजेेक्ट गुरूवार को शुरू किया गया, जिसके तहत चालू वित्त वर्ष में 1.25 लाख इंटर्नशिप उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत एक साल के इंटर्नशिप करने वालों को हर महीने 5000 रुपये इंटर्नशिप शुल्क मिलेगा जिसमें 4500 रुपये सरकार देगी और 500 रुपये कंपनी देगी। इस योजना के पूर्ण रूप से लागू होने पर पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को इसके तहत प्रशिक्षित करने का लक्ष्य भी है।

वित्त एवं कंपनी मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां संवाददाताओं से अनौपचारिक चर्चा में यह घोषणा करते हुये कहा कि अब तक 111 कंपनियां इसमें भाग लेने की स्वीकृति दे चुकी है। इसके लिए कंपनी मामलों के मंत्रालय के तहत एक वेबसाइट बनायी गयी है जो इंटर्नशिप की पूरी प्रक्रिया का प्रबंधन करेगी। अभी यह पोर्टल सिर्फ कंपनियों के लिए 10 अक्टूबर तक खुली है। आगामी 12 अक्टूबर से यह इंटर्नशिप करने के इच्छुक छात्रों के लिए खुलेगी। इसका पहला चरण 12 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक चलेगा और फिर चयनित छात्रों की सूची कंपनियों को भेजी जायेगी। इसके बाद 27 अक्टूबर से सात नवंबर तक कंपनियों को इंटर्न चयन करने का समय दिया जायेगा और इच्छुक छात्रों को कंपनियां इंटर्नशिप का ऑफर भेजेगी। आठ से 15 नवंबर तक पहले चरण में ऑफर स्वीकार करने या अस्वीकार का मौका मिलेगा। इसके बाद दो अक्टूबर से इंटर्नशिप शुरू होगा। इंटर्नशिप शुरू करने वाले को सरकार छह हजार रुपये का एकमुश्त अनुदान देगी।

उन्हाेंने कहा कि इसके लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और दिव्यांग व्यक्तियों को नियमों के तहत आरक्षण भी मिलेगा। इसमें 21 साल से 24 साल के युवा भाग ले सकते हैं। इसमें पूर्ण कालिक नौकरी करने वाले या पूर्णकालिक शिक्षा ग्रहण करने वाले शामिल नहीं हो सकते हैं, लेकिन ऑनलाइन या दूरस्था शिक्षा पाठ्यक्रम वाले भाग ले सकते हैं। इसके लिए हाई स्कूल पास, हायर सेकेंडरी स्कूल पास, आईटीआई प्रमाणपत्र धारक, पॉलिटेक्निक संस्थान से डिप्लोमाधारक, बीए, बीएससी, बी कॉम, बीसीए, बीबीए, बी फार्मा आदि योग्य होंगे।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि हालांकि इसके लिए कुछ शर्तें भी है जैसे पिछले वित्त वर्ष में परिवार के किसी सदस्य की आय आठ लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके साथ आईआईटी, आईआईएम, राष्ट्रीय लॉ यूनिवर्सिटी, आईआईएसईआर, एनआईडी और आईआईआईटी जैसे संस्थानों से स्नातक इसमें भाग नहीं ले सकेंगे। जिसके परिवार में सरकारी कर्मचारी होंगे वे भी इसमें भाग नहीं ले सकते हैं।

उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत जो कंपनी निर्धारित शुल्क से अधिक का भुगतान करना चाहेगी वो ऐसा कर सकती है । उन्होंने कहा कि कंपनियों द्वारा किये जाने वाला व्यय उसके सीएसआर कोष से व्यय होगा और कंपनियां यदि चाहे तो दुर्घटना बीमा भी दे सकती है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सभी इंटर्न का प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत बीमा कवर दिया जायेगा और इसका भुगतान सरकार करेगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि अब तक चार राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ और तेलांगना ने इसके लिए इच्छा व्यक्त किया है। इसके लिए सरकार ने एक टॉल फ्री नंबर भी जारी किया है।

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