कश्मीर पर पाकिस्तान के दुष्प्रचार का भारत ने कूटनीतिक स्तर पर और जम्मू कश्मीर की जनता ने मतदान में बढ़-चढक़र हिस्सा लेकर मुंह तोड़ जवाब दिया है. संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के तमाम आरोपों का मुंह तोड़ जवाब देते हुए कहा कि जो पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय दुर्दांत आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को अपने देश में पनाह देता है वह भारत को शांति के उपदेश न दें. दरअसल,इस समय पाकिस्तान की स्थिति यह है कि उसके साथ कोई भी मुस्लिम देश कश्मीर के समर्थन में नहीं खड़ा है. कुछ समय पहले तक मलेशिया, तुर्की और ईरान पाकिस्तान के रवैए का समर्थन कर रहे थे लेकिन अब यह तीनों देश भारत के रुख का समर्थन करते हैं. ईरान आधिकारिक तौर पर भारत के दृष्टिकोण का समर्थन करता है लेकिन ईरान के धार्मिक नेता आयतुल्ला खमेनी जरूर कश्मीर के मामले में हाल ही में बोले हैं.
बहरहाल कश्मीर के मामले में सबसे प्रभावी और करारा जवाब वहां की जनता ने दिया है.दरअसल,जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण में भी रिकॉर्ड वोटिंग हुई है. 7 जिलों की 40 सीटों पर 59.65 $फीसदी मत पड़े जो 2014 से करीब पांच $फीसदी ज़्यादा हैं.अंतिम चरण में जम्मू की 24 और कश्मीर की 16 सीटों पर मतदान हुआ. इस केंद्र शासित राज्य में 18 सितंबर को पहले चरण में, 25 सितंबर को दूसरे चरण में और बुधवार को तीसरे चरण में वोटिंग हुई. इसी के साथ राज्य में बहु प्रतिशत विधानसभा चुनाव खत्म हो गए हैं.इस बार खास बात यह रही की ना कोई पत्थर बाजी हुई ना दंगा फसाद.कश्मीर का चुनाव अभूतपूर्व रूप से शांतिपूर्ण तरीके से निपटा.चुनाव के दौरान शांति और व्यवस्था मुकम्मल देखी गई. जम्मू और कश्मीर के मतदाताओं ने शांतिपूर्ण तरीके से और उत्साह पूर्वक मतदान कर पाकिस्तान के मुंह पर करारा तमाचा मारा है. तीनों चरणों को मिलाकर जम्मू कश्मीर में लगभग 63 $फीसदी मतदान हुआ है. वहां के उत्साह पूर्ण मतदान से अलगाववादी भी सकते में हैं. पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जिस तरह से कश्मीर को लेकर गलत बयान बाजी करता है उस पर जम्मू कश्मीर के मतदाताओं ने करारा जवाब दिया.पाकिस्तानी मीडिया ने जम्मू और कश्मीर के चुनाव को खूब कवरेज दिया. पीओके के लोगों की भी दिलचस्पी विधानसभा चुनाव में देखी गई. बहरहाल,केंद्र सरकार ने बड़ी कूटनीतिक पहल करते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ की निगरानी में अनेक देशों के पर्यवेक्षकों को जम्मू कश्मीर का चुनाव दिखाया .जाहिर है केंद्र सरकार की कोशिशों, चुनाव आयोग के प्रबंधन और मतदाताओं के उत्साह ने पाकिस्तान के इरादों पर पानी फेर दिया है. जम्मू कश्मीर के मतदाताओं को इस मामले में बधाई और धन्यवाद देना चाहिए. उन्होंने जिस तरह से लोकतंत्र में भरोसा जताया है वह बेमिसाल है .जाहिर है ,जम्मू और कश्मीर के विधानसभा चुनाव से पाकिस्तान विशेष रुप से बेचैन हैं. पाकिस्तान ने अपने कब्जे वाले कश्मीर में तानाशाही चला रखी है. हमारे कश्मीर के चुनावों के कारण पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सेना और सरकार की खिलाफ असंतोष बढ़ रहा है.
जाहिर है विधानसभा चुनाव का शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से होना पाकिस्तान को पसंद नहीं आएगा.बहरहाल,चुनाव परिणाम चाहे जो भी हो, जीत भारतीय लोकतंत्र की ही होने वाली है. इसी वजह से कश्मीर के शांतिपूर्ण चुनाव का स्वागत किया जाना चाहिए.