नयी दिल्ली, 30 सितंबर (वार्ता) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय का उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) देश में विनिर्माण उद्योग को प्रोत्साहित करने की पहल- मेक इन इंडिया अभियान को और मजबूत बनाने की दिशा में कदम उठाते हुए व्यवसाय सुधार कार्य योजना (बीआरएपी) 2024 लागू करने जा रहा है जो पहले से अधिक व्यापक बताया जा रहा है।
मंत्रालय का कहना है कि व्यापार सुगमता की इस कार्ययोजना के नए संस्करण में विश्व बैंक के आगामी ‘बी-रेडी’ कार्यक्रम के अनुरुप रखा जा रहा है। मंत्रालय को विश्वास है कि यह पहल विनियामक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करेगी, आर्थिक वृद्धि को बदल प्रदान करेगी और भारत के व्यापार परिदृश्य में निवेशकों के विश्वास को बढ़ावा देगी।
मंत्रालय की सोमवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार बीआरएपी-2024 का लक्ष्य व्यवसाय के लिए देश भर में एक निर्बाध नियामक ढांचा स्थापित करना है ताकि कंपनियों पर अनुपालन का बोझ कम हो और किसी भी इकाई के साथ कोई भेदभाव न हो।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस कार्ययोजना में इसके पिछले संस्करणों के अनुभवों के आधार पर सुधार किए गए हैं ताकि व्यापार सुगमता और बढ़ायी जा सके।
विज्ञप्ति में कहा गया है, “उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के नेतृत्व में बीआरएपी 2024 नवीनतम सुधार पेश करती है जो व्यवसाय के साथ-साथ नागरिकों की जरूरतों को भी पूरा करती है।” इस पहल को पहले 2024-25 में शुरू किया गया था।
विभाग का कहना है कि बीआरएपी ने अपने प्रारंभिक दायरे में मात्र सीमित न रहकर अपना और भी विस्तार किया है जिसमें श्रम, पर्यावरण, कर, भूमि प्रशासन, उपयोगिता परमिट, निरीक्षण और निर्माण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इसी क्रम में समय और दस्तावेज अध्ययन (टीडीएस) के माध्यम से सूचना संचार प्रौद्योगिकी को अपनाने और प्रक्रिया पुनर्रचना जैसे नए क्षेत्रों को भी शामिल किया है ताकि तेजी से और अधिक कुशल सरकार-से-व्यवसाय सेवा वितरण सुनिश्चित किया जा सके।