दूसरी तिमाही के नतीजे पर रहेगी बाजार की नजर

मुंबई 29 सितंबर (वार्ता) अमेरिका में ब्याज दर में कटौती और चीन के आर्थिक प्रोत्साहन की घोषणा से विश्व बाजार की रही तेजी की बदौलत स्थानीय स्तर पर हुई दमदार लिवाली से बीते सप्ताह डेढ़ प्रतिशत तक चढ़े घरेलू शेयर बाजार की नजर अगले सप्ताह कंपनियों के चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के जारी होने वाले परिणाम पर रहेगी।

बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1027.54 अंक अर्थात 1.22 प्रतिशत की तेजी के साथ सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिवस पर 85571.85 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 388 अंक यानी 1.5 प्रतिशत की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर 26178.95 अंक पर बंद हुआ।

समीक्षाधीन सप्ताह में दिग्गज कंपनियों की तरह बीएसई की मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में भी लिवाली हुई लेकिन खरीददारी की गति तुलनात्मक रूप से धीमी रही। इससे मिडकैप 327.1 अंक अर्थात 0.7 प्रतिशत मजबूत होकर सप्ताहांत पर 49490.32 अंक और स्मॉलकैप 10.32 अंक यानी 0.02 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 57091.36 अंक पर रहा।

विश्लेषकों के अनुसार, घरेलू बेंचमार्क सूचकांक में बीते सप्ताह 1.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जो लगातार तीसरी साप्ताहिक वृद्धि है। बाजार में यह तेजी इसके पिछले सप्ताह अमेरिका में ब्याज दर में की पर्याप्त कटौती के प्रभाव से रही है। बाजार ने फेड की ब्याज दर में कटौती और स्थिर आर्थिक आंकड़ों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की। इससे विदेशी निवेश में तेजी आई और घरेलू बाजारों में गति जारी रही।

इसके अलावा चीन के आर्थिक प्रोत्साहन की घोषणा ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया, जिससे वैश्विक बाजारों विशेषकर एशियाई सूचकांकों में सकारात्मक गति आई है। धातु और कमोडिटी समूह के शेयरों ने बेहतर प्रदर्शन किया जबकि आईटी और निर्यात शेयरों में खर्च में सुधार की उम्मीद में तेजी आई। कच्चे तेल सहित कमज़ोर कमोडिटी कीमतें घरेलू अर्थव्यवस्था के लिए अनुकूल हैं और सरकारी खर्च में प्रत्याशित वृद्धि से वित्त वर्ष-25 की दूसरी छमाही में कॉर्पोरेट आय में सुधार की उम्मीद की जा रही है।

बीते सप्ताह बाजार की एक स्पष्ट प्रवृत्ति रही कि इस तेजी का नेतृत्व मुख्य रूप से दिग्गज कंपनियों के शेयरों ने किया, जो कि मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों की तुलना में काफी अधिक है। हालांकि दिग्गज कंपनियों में तेजी के लिए उच्च मूल्यांकन जोखिम है। चीन जैसे प्रोत्साहन और आकर्षक मूल्यांकन को देखते हुए विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूर्वी एशियाई प्रतिस्पर्धियों की ओर आकर्षित हैं। अगले सप्ताह निवेशकों की नजर कंपनियों के वित्त वर्ष 2024-25 दूसरी तिमाही के जारी होने वाले परिणाम पर रहेगी।

विश्व बाजार की तेजी से उत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा लिवाली से शेयर बाजार लगातार तीसरे दिन चढ़ता हुआ सोमवार को फिर नये शिखर पर पहंच गया। सेंसेक्स 384.30 अंक की छलांग लगाकर 84,928.61 अंक के नये रिकॉर्ड स्तर और निफ्टी 148.10 अंक उछलकर 25,939.05 अंक के सार्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।

वहीं, विदेशी बाजारों में तेजी के बावजूद स्थानीय स्तर पर एफएमसीजी, वित्तीय सेवाएं, दूरसंचार, रियल्टी और सर्विसेज समेत आठ समूहों में हुई बिकवाली से मंगलवार को सेंसेक्स 14.57 अंक फिसलकर 84,914.04 अंक वहीं निफ्टी 1.35 अंक बढ़कर 25,940.40 अंक पर सपाट बंद हुआ।

विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर पावरग्रिड, एनटीपीसी, टाटा स्टील, रिलायंस और मारुति समेत बीस दिग्गज कंपनियों में हुई लिवाली की बदौलत बुधवार को सेंसेक्स 255.83 अंक की मजबूती के साथ पहली बार 85 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 85,169.87 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह निफ्टी 63.75 अंक चढ़कर पहली बार 26 अंक के पार 26,004.15 अंक पर रहा।

चीन से आक्रामक आर्थिक प्रोत्साहन की घोषणा और कच्चे तेल की कीमत में भारी गिरावट की बदौलत विश्व बाजार की जबरदस्त तेजी से उत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर ऑटो, धातु, कमोडिटीज और एफएमसीजी समेत तेरह समूहों में हुई लिवाली से गुरुवार को सेंसेक्स 666.25 अंक की छलांग लगाकर 85,836.12 अंक और निफ्टी 211.90 अंक उछलकर 26,216.05 अंक के नये रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ।

वहीं, विश्व बाजार में जारी तेजी के बावजूद स्थानीय स्तर पर वित्तीय सेवाएं, यूटिलिटीज, बैंकिंग, पावर और रियल्टी समेत आठ समूहों में हुई बिकवाली के दबाव में शुक्रवार को सेंसेक्स 264.27 अंक की गिरावट लेकर 85,571.85 अंक और निफ्टी 37.10 अंक फिसलकर 26,178.95 अंक रह गया।

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