नयी दिल्ली 29 सितंबर (वार्ता) भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की ओर से हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट, जो ई-कॉमर्स दिग्गज अमेज़न और फ्लिपकार्ट की गंभीर प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं को उजागर करती है, के मद्देनजर देश भर के व्यापारी, कनफ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के नेतृत्व में इन कंपनियों के खिलाफ तुरंत कारवाई करने की मांग के लिए एक बड़े देशव्यापी अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं।
यह निर्णय रविवार को नयी दिल्ली में कैट की ओर से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय व्यापार शिखर सम्मेलन के समापन पर लिया गया।
देश भर के 350 से अधिक व्यापारिक नेताओं ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव में कहा,“सीसीआई रिपोर्ट ने कई अनैतिक प्रथाओं को उजागर किया है, जिनका छोटे और मध्यम व्यापारियों पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। इनमें भारी छूट, चुनिंदा विक्रेताओं को वरीयता देना और प्रतिस्पर्धा के मानदंडों का उल्लंघन शामिल है। यह निष्कर्ष और भी पुष्टि करते हैं कि ये ई-कॉमर्स प्लेटफार्म ऐसे तरीके अपना रहे हैं जो प्रतिस्पर्धा के समान अवसरों को विकृत करते हैं, जिससे लाखों व्यापारियों और खुदरा विक्रेताओं को अपूरणीय क्षति हो रही है। इसलिए, हम सीसीआई से आग्रह करते हैं कि वह उचित कार्रवाई करें और न्याय की दिशा में आगे बढ़ते हुए अमेज़न और फ्लिपकार्ट के खिलाफ तुरंत अभियोजन शुरू करें तथा निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करें।”
इस देशव्यापी अभियान का उद्देश्य सीसीआई पर दबाव बनाना है कि वह अमेज़न और फ्लिपकार्ट के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई शुरू करे, जिन्होंने भारतीय कानूनों का उल्लंघन कर छोटे व्यवसायों के हितों को नुकसान पहुंचाया है। व्यापारी एकजुट होकर तुरंत और सख्त कार्रवाई की मांग करेंगे, जिसमें कानून की संबंधित धाराओं के तहत अभियोजन शामिल होगा।
शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और कैट सलाहकार स्मृति ईरानी ने भारतीय अर्थव्यवस्था में छोटे व्यापारियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा,“छोटे व्यापारी वर्तमान में भारतीय खुदरा बाजार का 90 प्रतिशत हिस्सा बनाते हैं और देश के निर्यात में 45 फीसदी का योगदान करते हैं। वर्ष 2023 में उनका व्यापारिक कारोबार 480 अरब डॉलर था और यह आंकड़ा 2025 तक 1.3 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इसलिए हमें निर्यात को बढ़ावा देने और व्यापारियों के लिए व्यापार करने में आसानी को सुधारने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।”
श्रीमती ईरानी ने यह भी कहा,“ऑनलाइन ऑर्डर्स में से 71 प्रतिशत छोटे व्यापारियों द्वारा पूरा किए जाते हैं, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों से। हमें यह आकलन करने के प्रयास करने होंगे कि क्या ये व्यापारी ई-कॉमर्स की ओर बदलाव से लाभान्वित हो रहे हैं और उनकी क्षमता को पहचानने के महत्व को समझते हुए उन्हें आवश्यक समर्थन प्रदान करना होगा।”