भोपाल, 30 सितंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की मंशानुसार एवं लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह के निर्देशन में विभाग द्वारा प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने के उद्देश्य से दल गठित कर एक व्यापक अभियान चलाया गया, जिसका सत्यापन करने की दृष्टि से वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार इसके आधार पर सड़कों का मरम्मत कार्य 7 दिवस में सुनिश्चित करवाया गया। साथ ही निरीक्षण के दौरान जिन संभागों में सड़कों पर अधिक गड्ढे पाये गये उनसे संबंधित कार्यपालन यंत्रियों एवं ठेकेदारों को कारण बताओ नोटिस जारी किये गये।
प्रदेश में 7 से 22 अगस्त तक 15 दिवसीय व्यापक अभियान चलाया गया। इस अभियान का उद्देश्य प्रदेशभर की सड़कों की स्थिति का निरीक्षण उनकी मरम्मत के लिए आवश्यक कदम उठाना था। विभाग द्वारा अभियान का सत्यापन करने के की दृष्टि से अधीक्षण यंत्री स्तर के अधिकारियों को 9 से 15 सितंबर तक विभिन्न जिलों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए थे, जिसकी रिपोर्ट 18 सितंबर को प्रस्तुत की गई। रिपोर्ट के अनुसार निरीक्षण अभियान के दौरान, 15 अधीक्षण यंत्रियों की टीम ने प्रदेशभर में 10,645 किलोमीटर सड़कों का रैंडम आधार पर औचक निरीक्षण किया। इसमें कुल 1,362 गड्ढे चिन्हित किए गए, जबकि 57 किलोमीटर सड़कों की डामर की ऊपरी सतह क्षतिग्रस्त पाई गई। इसके अतिरिक्त 8.80 किलोमीटर लंबाई की सड़कें जल निकासी की कमी के कारण खराब हुईं।
अभियान के तहत चिन्हित गढ्ढों एवं सड़कों का मरम्मत कार्य 07 दिवस की अवधि में सुनिश्चित कराया गया। निरीक्षण के दौरान जिन संभागों में सड़कों पर अधिक गड्ढे पाए गए, उन क्षेत्रों के 11 कार्यपालन यंत्रियों को उनके संभागों में सड़कों की स्थिति खराब पाये जाने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
इन सड़कों के निर्माण में शामिल ठेकेदारों को भी परफारमेंस गारंटी के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। 30 सितंबर की स्थिति में लोकपथ एप पर 3,705 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें से 3,570 शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है। शेष 135 शिकायतें अभी प्रक्रियाधीन हैं जिनका 7 दिनों में समाधान किया जायेगा।