राजस्व मामलों में अफसरों व बाबूओं पर कडक़ शिकंजा हो,अधिकतर बिना पैसे के फाइल ही नहीं बढ़तीं!
नवभारत न्यूज
खंडवा। रिश्वत अब कथित शिस्टाचार का रूप लेने लगी है। इसे रोकने के लिए जागरूक लोग सामने आ रहे हैं। तहसील और एसडीएम दफ्तरों में तो अधिकतर बिना पैसे के काम ही नहीं चलता। प्रकरणों में कई बार तो जीतने वाले को भी इनकी जिद के आगे झुकना पड़ता है। इनके दांव -पेंच खतरनाक होते हैं। खकनार तहसील में एक बाबू और तहसीलदार के रीडर को अप्रैल 2018 में रूपए लेते रंगेहाथों पकड़ा था।
लोकायुक्त ने केस ऐसा पुख्ता बनाया कि विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) खण्डवा अरविन्द सिंह टेकाम, की न्यायालय ने आरोपी मनोज पिपलादे, सहायक ग्रेड-3 एवं नरेन्द्र कुमार जगताप, सहायक ग्रेड-2/रीडर, दीनों कार्यालय तहसीलदार तहसील खकनार जिला बुरहानपुर को 4-4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 4-4 हजार रूपए अर्थदण्ड से दंडित किया। अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री विनोद कुमार पटेल, द्वारा की गई।
ये था मामला
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी हरिप्रसाद बांके ने बताया कि, फरियादी पप्पू जाधव निवासी ग्राम जामुनिया तहसील खकनार जिला बुरहानपुर ने 01 अप्रैल 2018 को लोकायुक्त कार्यालय इन्दौर में आरोपीगण मनोज पिपलादे बाबू, तहसील कार्यालय खकनार के द्वारा उसके परिवार से और नरेन्द्र जगताप रीडर, संबंधित राजस्व प्रकरण की नकल के लिए तहसीलदार खकनार को आवेदन दिया था। प्रकरण की नकल देने के लिए आरोपीगण ने षडयंत्र पूर्वक फरियादी से रिश्वत राशि 6 हजार रूपए की मांग की।
ऐसे बनी टीम
लोकायुक्त एस.पी. इंदौर से आरोपीगण को पकडऩे के लिए निरीक्षक राहुल गजभिये के नेतृत्व में ट्रेपदल बना। आरोपी मनोज पिपलादे को 5 हजार रूपए और आरोपी नरेन्द्र जगताप को 1 हजार रूपए फरियादी पप्पू जाधव से लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा। राजस्व प्रकरण की तैयार नकल भी आरोपी नरेन्द्र जगताप से जप्त की गई।