इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भारत देश में नहीं दिखाई देगा

सर्वपितृ अमावस्या पर रहेगा सूर्य ग्रहण, नहीं लगेगा सूतक

उज्जैन: पितृ पक्ष के पहले ही दिन प्रतिप्रदा को चंद्र ग्रहण लगा है। हालांकि यह साल का दूसरा चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं दिया था। इसलिए श्राद्व के नियमित कार्य संपन्न हुए थे। अब पितृ पक्ष में ही 2 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या पर साल का चौथा और आखिरी ग्रहण लगेगा। यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।भारतीय समय के अनुसार 2 अक्टूबर को रात 9.13 बजे से शुरु होगा और देर रात 3.17 बजे संपन्न होगा। सूर्य ग्रहण के समय भारत में रात होने से भारत में लोग इसे नहीं देख पाएंगे।

ग्रहण के दौरान शास्त्र नियमों का पालन अनिवार्य है। ज्योतिषाचार्य पं. जय शिव ने बताया कि गरुड़ पुराण में निहित है कि सर्वपितृ अमावस्या तिथि पर पितृ पक्ष का समापन होता है। इस दिन पितृ पृथ्वी लोक से विदा होते हैं। इसके लिए सर्वपितृ अमावस्या पर स्नान ध्यान, पूजा, जप-तप एवं दान-पुण्य किया जाता है। सर्वपितृ अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण एवं पिंडदान करने से तीन पीढ़ी के पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर साधक श्रिप्रा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान कर पितरों का तर्पण करते हैं।साल का आखिरी सूर्य ग्रहण वलयाकार सूर्य ग्रहण है, यह अर्जेटीना, प्रशांत महासागर, आर्कटिक, दक्षिणी अमेरिका, पेरू और फिजी आदि देशों में देखा जा सकेगा।

नहीं लगेगा सूतक
पं. जय शिव ने बताया कि धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सूर्य ग्रहण के 8 घंटे पहले से सूतक काल लग जाता है और इस अवधि में नियमों का पालन करना पड़ता है। लेकिन जिस क्षेत्र में दिखाई देता है, वहीं सूतक काल मान्य होता है। साथ ही इसी क्षेत्र में ग्रहण के धार्मिक कर्मकांड और सावधानियां अपनानी पड़ती है। चूंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई ही नहीं देगा। इसलिए यहां सूतक काल नहीं मान्य होगा। लेकिन जहां सूर्य ग्रहण दिखाई देगा, वहां सूर्य ग्रहण का सूतक सुबह 9.13 बजे से लग जाएगा।

अमावस्या पर इन चीजों का करें दान
मेष-गेहूं, मूंगफली और राजमा का दान करें। वृषभ-चावल, आटा, मैदा, दूध और दही का दान करें। मिथुन-साबुत मूंग, मूंग दाल, हरें रंग की सब्जियों का दान करें। कर्क-सफेद रंग के वस्त्र और नमक का दान करें। सिंह-गुड़, रागी, गेंहू, मूंगफली और लाल मिर्च का दान करें। कन्या-हरे रंग के कपड़ें और जरुरतमंद महिलाओं को साड़ी। तुला-राशि के जातक सर्वपितृ अमावस्या पर दही, चूड़ा या पोहा, चीनी, नमक का दान करें। वृश्चिक-गेहूं, आलू, मसूर दाल और लाल रंग के कपड़े। धनु-पोहा, जौ, दही और पीले रंग का वस्त्र का दान करें। मकर-छतरी, चमड़े के जूते-चप्पल, बेग आदि चीजों का दान करें। कुंभ-काले रंग का कंबल, मच्छरदानी, बेडशीट, बिछावन। मीन-राशि के जातक मकई, पके केले, बेसन, चने की दाल।

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