जबलपुर। राजनेता अधिवक्ता तथा कानूनी कार्यवाही के संबंध में गलत बयानबाजी करने लगे तो अधिवक्ताओं को सामने आना चाहिये। जिसकी शुरुआत हो गयी है और अधिवक्ता पीछे नहीं हटेंगे। यह बात सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही।
हाईकोर्ट में मानहानि का मामला दर्ज किये जाने को चुनौती देते हुए केंद्रीय मंत्री व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा तथा पूर्व मंत्री व विधायक भूपेंद्र सिंह ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। शिकायतकर्ता राज्यसभा सांसद व वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा की तरफ से पैरवी करने उनका जबलपुर आगमन हुआ था। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में एक अध्यादेश के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसकी पैरवी अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा कर रहे थे। ओबीसी आरक्षण याचिका का मुद्दा नहीं था। इसके बावजूद भी राजनेताओं ने अधिवक्ता अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा के खिलाफ गलत टिप्पणी की।
प्रोफेशनल व्यक्ति के खिलाफ राजनेताओं के खिलाफ गलत टिप्पणी की गयी। इस संबंध में वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा ने उन्हें नोटिस दिया था। इसके अलावा उन्होंने प्रेस कान्फेस की थी। इसके बावजूद भी उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की तरफ से पूर्व में हाईकोर्ट को बताया गया कि अखबारों ने उनके लफ़्ज़ों को कोड करते हुए खबर प्रकाशित नहीं की है।
इस अवसर पर शिकायतकर्ता विवेक कृष्ण तन्खा ने कहा कि एक वरिष्ठ अधिवक्ता की हैसियत से उन्होने मानहानि का परिवाद प्रस्तुत किया था। सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री सिब्बल ने हाईकोर्ट में उनकी तरफ से पक्ष प्रस्तुत करते हुए मानहानि के संबंध में व्याख्या करते हुए पक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने राजनेता के रूप में परिवाद पेश नहीं किया था। वरिष्ठ अधिवक्ता, पूर्व महाधिवक्ता तथा पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के हैसियत से परिवाद दायर किया है।