फीफो के नियम विरुद्ध चल रहा काम
जबलपुर: राशन दुकानों में बंटने वाले गरीबों को चावल की आए दिन शिकायतें सामने आ रही हैं। जिसका मुख्य कारण इसके डिस्ट्रीब्यूशन में होने वाली मनमर्जी है। जिसमें अधिकारी मनपसंद मिलरों का चावल सबसे पहले बांटने के लिए भेजते हैं और जो उनकी पसंद का नहीं होता वह चावल गोदाम में रखा रहता है। जबकि मध्य प्रदेश शासन द्वारा चावल के वितरण के लिए फीफो का नियम बनाया गया है। जिसमें फर्स्ट इन फर्स्ट आउट के नियम अनुसार जो चावल पहले आएगा वह पहले जाएगा। लेकिन जिले में अधिकारियों की सह से नियम विरुद्ध रुप से राशन दुकानों में चावल बांटा जा रहा है।
गोदाम में अच्छा माल, बंटने भेज देते हैं घटिया
जानकारी के अनुसार अधिकारियों द्वारा सबसे पहले उस चावल को वितरण के लिए भेजा जाता है जिस की क्वालिटी घटिया होती है। ताकि कोई भी टीम गोदाम में जांच के लिए आए तो उसे घटिया चावल देखने को ना मिले। लेकिन अधिकारी राइस मिलरो के साथ मिलकर घटिया माल को पहले बाहर कर देते हैं। जिसके चलते सबसे ज्यादा राशन दुकानों में घटिया चावल की शिकायत सामने आती है। जबकि नियम के अनुसार जो चावल पहले से रखा हुआ है उसका वितरण होना चाहिए।
हर केंद्र में होती है नियमों की अवहेलना
चावल वितरण के लिए सबसे ज्यादा फीफो पॉलिसी की अवहेलना की जा रही है। जानकारी के अनुसार
जिले में अन्न दूत योजना के तहत चावल वितरण के लिए 6 केंद्र बनाए गए हैं। जो मंडी, रिछाई, शहपुरा, सिहोरा तिलसनी और पाटन में स्थित है। जिसमें सबसे ज्यादा चावल रिछाई केंद्र में जमा होता है। जिस कारण यहां पर फीफो की सबसे ज्यादा अवहेलना हो रही है। जहां बड़े अधिकारियों के निर्देश पर आपूर्ति निगम के केंद्र प्रभारी घटिया चावल को पहले बाहर निकाल देते हैं।
इनका कहना है
गोदामों में रखा हुआ चावल ही अभी राशन दुकानों में बंट रहा है, कहीं पर भी गड़बड़ी की शिकायत आएगी, तो उसकी जांच की जाएगी।
कुलदीप पराशर, खाद्य नियंत्रक अधिकारी