भिंड, 19 दिसंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के भिंड जिले के मेहगांव अनुविभाग के गोरमी के कृपे का पुरा गांव में आयोजित नेत्र शिविर में आयोजकों ने जांच में ग्रामीणों को पहले मोतियाबिंद बताया, फिर उसी दिन ग्वालियर के कालरा अस्पताल लाकर छह बुजुर्गों का ऑपरेशन कर दिया। गांव लौटने के बाद जब ग्रामीणों ने आंखें खोलीं तो उन्हें दिखना ही बंद हो गया।
चिरोंजीलाल सखवार, भागीरथ सखवार, चुन्नीबाई, राजवीर और भूरीबाई व चमेली बाई ने कल गोरमी में शिकायत दर्ज कराई कि उनकी आंखों की रोशनी चली गई है। एक बुजुर्ग की तो जिस आंख में समस्या थी, उसकी बजाय दूसरी आंख का ऑपरेशन कर दिया। वह अब दोनों ही आंखों से नहीं देख पा रहे हैं।
संयुक्त समाजसेवी संस्था एवं निवारण हेल्थ वेलफेयर सोसाइटी ने 9 दिसंबर को जिले के कृपे का पुरा में नेत्र परीक्षण शिविर लगाया था। इसमें ग्वालियर के कालरा हॉस्पिटल की टीम पहुंची थी। टीम ने 50 लोगों की आंखों की जांच की गई। जिसमें 8 ग्रामीणों की आंख में मोतियाबिंद पाए जाने पर उन्हें ग्वालियर लाया। यहां हॉस्पिटल में ऑपरेशन किया।
भिंड के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डाॅं शिवराम सिंह कुशवाह ने आज यहां बताया कृपे का पुरा में नेत्र शिविर लगाने की अनुमति नहीं ली गयी थी। यह शिविर कैसे आयोजित हुआ पता करते हैं। संबंधित अस्पताल पर कार्रवाई की जाएगी।