नयी दिल्ली, 09 जनवरी (वार्ता) भारतीय खो-खो महासंघ (केकेएफआई) और अंतरराष्ट्रीय खो-खो महासंघ (आईकेकेएफ) ने गुरुवार को खो-खो विश्वकप 2025 के लिए भारतीय पुरुष और महिला टीम की घोषणा की।
आज यहां जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में केकेएफआई के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने 15-15 सदस्यीय पुरुष और महिला की टीमों की घोषणा की। इसके अलावा पुरुष और महिला टीम में तीन-तीन खिलाड़ी को अतिरिक्त खिलाड़ी के तौर पर रखा गया है।
श्री मित्तल ने कहा, “हमारी राष्ट्रीय टीमों का चयन खो-खो के लिए ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि हम पहली बार विश्व कप की मेजबानी करने जा रहे हैं। विश्व के 23 देशों की भागीदारी के साथ, यह टूर्नामेंट वैश्विक मंच पर भारत की खेल विरासत को प्रदर्शित करेगा। हमारी पुरुष और महिला दोनों टीमें देश भर से बेहतरीन प्रतिभाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं, पुरुष टीम की अगुवाई प्रतीक वाइकर और महिला टीम का नेतृत्व प्रियंका इंगले करेंगी। दोनों टीमों को अनुभवी कोचिंग स्टाफ के साथ, उनके असाधारण प्रदर्शन करने के लिए आश्वस्त हैं। यह विश्व कप केवल एक टूर्नामेंट नहीं है, यह खो-खो के पारंपरिक भारतीय खेल से अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी आयोजन में विकास का प्रमाण है, जिसका लक्ष्य ओलंपिक स्तर तक पहुंचना है।”
उन्होंने बताया कि 2016 के एकलव्य पुरस्कार विजेता प्रतीक वायकर पुरुष टीम की अगुवाई करेंगे। प्रतीक वायकर ने अपने पड़ोसी से प्रेरित होकर आठ साल की उम्र में खो-खो खेलना शुरू किया था। उन्होंने कंप्यूटर साइंस और फाइनेंस में डिग्री होने के बावजूद रूप से खो-खो को अपनाया और खेल कोटे के माध्यम से नौकरी हासिल की।
वहीं महिला टीम का नेतृत्व प्रियंका इंगले करेंगी। वह 23 राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के बाद टीम का मुख्य हिस्सा रही हैं। उनकी उपलब्धियों में इला पुरस्कार (सर्वश्रेष्ठ सब-जूनियर खिलाड़ी), रानी लक्ष्मी बाई पुरस्कार (2022 सीनियर नेशनल) और चौथी एशियाई खो-खो चैंपियनशिप 2022-23 में स्वर्ण पदक शामिल हैं। एम. कॉम की डिग्री के साथ एक ऑलराउंडर, वह अब कठोर प्रशिक्षण दिनचर्या को बनाए रखते हुए मुंबई में आयकर विभाग में कार्यरत है।
केकेएफआई के महासचिव एमएस त्यागी ने कहा, “हमारी चयन प्रक्रिया पारदर्शी रही है। हमारे पास भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली दोनों वर्ग की सबसे मजबूत टीमें हैं। विश्व के 23 देशों की प्रतिभागी टीमों को इस खेला को लेकर जबर्दस्त उत्साह है। यह विश्व कप न केवल भारत की संगठनात्मक क्षमताओं को प्रदर्शित करेगा बल्कि खो खो को एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय खेल के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगा।”