खेत नदी के दूसरे छोर पर होने से आन-जाने की समस्या
नवभारत न्यूज
रतलाम। कुडैल नदी पर पुलिया बनाने की मांग को ेलेकर किसानों द्वारा बुधवार को जल सत्याग्रह शुरू किया। ग्राम हतनारा के डेढ़ दर्जन से अधिक ग्रामीण सुबह से कुडैल नदी में जल सत्याग्रह कर रहे है।
किसानों के अनुसार ग्राम हतनारा के कई ग्रामीणों के खेत कुडैल नदी की दूसरी ओर है। इन किसानों के खेतों में फसलें पक चुकी है,लेकिन इन्हे अपने खेत तक जाने के लिए कुडैल नदी पार करना पड़ती है। किसान स्वयं तो जैसे तैसे तैर कर नदी पार कर सकता है, लेकिन अपनी फसल को नदी पार करवाकर लाना संभव नहीं है। जब से बोवनी हुई है किसान तो जैसे तैसे खेत तक चले जाते है, लेकिन महिलाए खेतों तक नहीं जा पा जा रही है। अब किसानों की फैसले पक चुकी है और कटाई का समय पास आ रहा है, लेकिन समस्या ये है कि वे अपनी फसले काट कर लाएंगे कैसे ? हतनारा के किसान लम्बे समय से कुडैल नदी पर पुलिया बनाने की मांग कर रहे है, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
हतनारा के किसान,ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत और कलेक्टर तक को गुहार लगा चुके है,लेकिन अब तक उनकी मांग पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। आखिरकार थकहार कर बुधवार हतनारा के किसानों ने जल सत्यागृह शुरु कर दिया। गांव के डेढ दर्जन से ज्यादा महिला-पुरुष कुडैल नदी में सुबह से खड़े है।
ग्रामीणों के जल सत्यागृह की जानकारी मिलने पर बांगरोद पुलिस चौकी प्रभारी आनन्द बागवान भी मौके पर पंहुच गए। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनकी समस्या का स्थाई समाधान नहीं हो जाता वे इसी तरह नदी में खड़े रहेंगे। चौकी प्रभारी आनन्द बागवान ने मौके पर पहुंचने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों को इस जल सत्याग्रह की जानकारी दी।
पुलिया के लिए लम्बे समय से कर रहे है मांग
किसानों द्वारा नदी पर पुलिया बनाने की मांग लम्बे समय से की जा रही हैं। अब किसानों की फैसले पक चुकी है और कटाई का समय पास आ रहा है, लेकिन समस्या ये है कि वे अपनी फसले काट कर लाएंगे कैसे ? किसान,ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत और कलेक्टर तक को गुहार लगा चुके है,लेकिन अब तक उनकी मांग पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। आखिरकार थकहार कर बुधवार हतनारा के किसानों ने जल सत्यागृह शुरु कर दिया। गांव के डेढ दर्जन से ज्यादा महिला-पुरुष कुडैल नदी में सुबह से खड़े है।