कोर्ट ने दिया निगम के पक्ष में फैसला , पूर्व फैसला निरस्त
नवभारत न्यूज
इंदौर। शहर के पश्चिम क्षेत्र में स्थित कर्बला मैदान की जमीन अब नगर पालिका निगम के आधिपत्य की होगी। यह फैसला जिला न्यायालय में निगम की अपील पर सुनवाई के बाद आया है। इसके पूर्व कोर्ट द्वारा वक्फ बोर्ड के पक्ष में दिया गया फैसला निरस्त कर दिया गया। निगम के पक्ष में फैसला आने के बाद निगम ने हाईकोर्ट में केवीएट भी दायर करने का निर्णय लिया है , ताकि निगम का पक्ष सुने बैगर याचिका स्वीकार नहीं हो।
शहर के पश्चिम क्षेत्र में कर्बला मैदान के नाम से 6.70 एकड़ जमीन पर नगर निगम का आधिपत्य हो गया है। निगम की अपील पर सुनवाई करते हुए 15 वें जिला न्यायधीश नरसिंह पटेल ने फैसला सुनाते हुए पूर्व वक्फ बोर्ड के आधिपत्य को निरस्त कर दिया है। कोर्ट में निगम की ओर से अधिवक्ता मोहन शर्मा ने पक्ष रखा था।
ध्यान रहे कि पूर्व में कोर्ट ने उक्त बेशकीमती जमीन वक्फ बोर्ड की संपत्ति बता दी थी। इसके बाद निगम द्वारा मई 2019 में अपील की गई। अपील में कोर्ट में बताया कि मुस्लिम समाज द्वारा 0.02 एकड़ जमीन पूर्व में छोटी नदी किनारे तजिए ठंडे करने के ली गई थी। बाकी जमीन धोबी घाट के लिए है। साथ ही निगम अधिनियम 1956 की धारा 82 का उल्लेख करते हुए बताया कि नगर निगम सीमा में जितनी भी खुली जमीन है , उस पर नियमानुसार नगर निगम का स्वत : अधिकार और आधिपत्य है। सरकारी रिकॉर्ड में म्युनिसिपल खसरे में 17017 एक बंजर भूमि है। राजस्व रिकार्ड में इसका खसरा नंबर 1047 हेयर 6.70 एकड़ चरनोई की है। खुली भूमि निगम की धारा 82 के अनुसार और तमाम पूर्व के रिकॉर्ड के आधार पर निगम की है।
15 वें न्यायधीश नरसिंह पटेल ने दोनों पक्षों के सुनवाई करते हुए नगर निगम के आधिपत्य को सही ठहराया और पूर्व में कोर्ट द्वारा वक्फ बोर्ड की संपत्ति होने के निर्णय को निरस्त कर दिया। इस निर्णय के साथ स्पष्ट हो गया कि मुस्लिम समाज को कर्बला मैदान सिर्फ ताजिए ठंडे करने की 0.02 एकड़ जमीन दी थी, बाकी 6.70 एकड़ जमीन धोबी घाट की होकर निगम आधिपत्य की है।
ऐतिहासिक जीत : महापौर
इस विषय में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि नगर निगम की कोर्ट में ऐतिहासिक जीत है। इस मामले में निगम फैसले पर हाईकोर्ट में केवीएट दायर करेगा ताकि भविष्य में कब्जा निगम का ही रहे।