व्यापार बोर्ड की बैठक की अध्यता की गोयल ने, ई-काॅमर्स से निर्यात पर भी कर छूट

मुंबई, 13 सितंबर (वार्ता) केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को मुंबई में पुनर्गठित व्यापार बोर्ड की तीसरी बैठक की अध्यक्षता की और राज्य सरकारों के साथ मिल कर देश आर्थिक विकास को गति देने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।

इस अवसर पर उन्होंने वाणिज्य विभाग के जन सुनवाई पोर्टल का शुभारंभ किया। बैठक में बताया कि निर्यात के सामान पर भी करों और शुल्कों की माफी और रिबेट की योजनाओं को ई-वाणिज्य के रास्ते से किए जाने वाले माल पर भी लागू किया जा रहा है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार श्री गोयल ने बैठक में जोर दिया कि सरकार की पहल भारत को अधिक पारदर्शी, कुशल और टिकाऊ व्यापार वातावरण की ओर ले जाने में सहायक है, जिससे देश के व्यापक आर्थिक परिदृश्य को लाभ होगा।

मंत्रालय का कहना है कि वाणिज्य विभाग के जन सुनवाई पोर्टल हितधारकों और अधिकारियों के बीच संचार को सुव्यवस्थित करने के लिए तैयार किया गया है, जो व्यापार और उद्योग से संबंधित मुद्दों का समाधान करने के लिए एक सीधा और पारदर्शी चैनल प्रदान करता है।

यह पोर्टल नियमित, अनुसूचित बातचीत के लिए निश्चित वीडियो कॉन्फ्रेंस लिंक के अलावा ऑन-डिमांड वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेवाएं प्रदान करता है। पोर्टल वाणिज्य विभाग के तहत विभिन्न कार्यालयों और स्वायत्त निकायों जैसे कि डीजीएफटी, कॉफी बोर्ड, चाय बोर्ड, मसाला बोर्ड, रबर बोर्ड, ऐपिडा, एमपीडा,आईटीपीओऔर ईआईसी से जुड़ा है।

श्री पीयूष गोयल ने इस अवसर पर ईसीजीसी (निर्यात ऋण गारंटी निगम) के नए ऑनलाइन सेवा पोर्टल का भी उद्घाटन किया, साथ ही इन-हाउस स्माइल-ईआरपी सिस्टम को भी नया रूप दिया।

उन्होंने कहा कि ये परिवर्तन न केवल ग्राहक सेवाओं को सुव्यवस्थित करेंगे, बल्कि ईसीजीसी की मुख्य परिचालन दक्षता को भी बढ़ाएंगे।

बोर्ड की आज की बैठक में राज्यों में रोजगार को बढ़ावा देने और राज्य-स्तरीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में वाणिज्य विभाग की भूमिका को बढ़ाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण पहलों पर चर्चा की गई।

विज्ञप्ति के अनुसार एक चर्चा उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना और मध्य प्रदेश की राज्य सरकारों की ओर से संवादपरक प्रस्तुतियाँ भी शामिल की गईं, जिसमें निर्यात संवर्धन और व्यापार करने में आसानी (ईओडीबी), हस्तक्षेप और चल रही राज्य-स्तरीय पहलों में उनकी उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया।

मंत्रालय का कहना है कि इस बैठक असम, त्रिपुरा और सिक्किम जैसे राज्यों की भागीदारी और सुझावों से उत्तर पूर्व क्षेत्र से निर्यात की संभावना बढ़ने की उम्मीद है।

ई-कॉमर्स निर्यात के क्षेत्र में, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के अधिकारियों ने व्यापार बोर्ड को सूचित किया कि कूरियर के माध्यम से किए गए सभी निर्यातों पर “निर्यातित सामग्री पर प्रशुल्क एवं करों की छूट (आरओडीटीईपी), और निर्यात किए जाने वाले कपड़े तथा परिधानों पर केंद्रीय करों और लेवी पर रिबेट (कमी) की योजना (आरओएससीटीएल) और ड्रॉ-बैक लाभ लागू किए जाएँगे।

बैठक में बताया गया कि डाक मार्ग निर्यात को भी इन लाभों को बढ़ाने की योजनाएँ पाइपलाइन में हैं, जिससे कूरियर और डाक मोड का उपयोग करने वाले ई-कॉमर्स निर्यातकों के लिए अधिक न्यायसंगत वातावरण तैयार होगा।

बैठक में गोवा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, दिल्ली जैसे 10 राज्यों के मंत्री शामिल थे। वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बर्थवाल, अतिरिक्त सचिव एवं महानिदेशक, डीजीएफटी संतोष सारंगी तथा भारत सरकार और विभिन्न राज्यों एवं केंद्रशासित क्षेत्रों वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए।

 

 

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