नयी दिल्ली 13 सितंबर (वार्ता) सेमी के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अजीत मनोचा ने कहा है कि भारत एशिया में अगला सेमीकंडक्टर पावरहाउस बनने की राह पर है क्योंकि सरकार की नीतियां इसको गति दे रही है।
श्री मनोचा ने ग्रेटर नोएडा में तीन दिवसीय सेमीकॉन इंडिया 2024 के अवसर पर कहा कि भारत सरकार की पहलें और कोशिशें एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने के लिए संरेखित हैं जो भारत और दुनिया के लिए विकास को सक्षम बनाता है।
उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के साथ वैश्विक सेमीकंडक्टर मांग को बढ़ावा देने के साथ, 2030 तक उद्योग के महत्वाकांक्षी एक लाख करोड़ डॉलर के लक्ष्य को पूरा करने के लिए लगभग 150 नए फ़ैब्स इकाइयों की आवश्यकता होगी। भारत को अपने हिस्से को अधिकतम करने के लिए गुणात्मक वृद्धि हासिल करने की आवश्यकता होगी और सेमीकॉन इंडिया इस बाजार को उत्प्रेरित करने में मदद करेगा।
उन्होंने इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन का उल्लेख करते हुये कहा कि इसके रोडमैप और अनुकूल नीतियां भारत में इस उद्योग को बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि इस उद्योग को लेकर वे सरकार को कोई सलाह या कोई लक्ष्य नहीं दे रहे हैं बल्कि सरकार की नीतियां इस उद्योग को गति देने का काम कर रही है।
उन्होंने केन्द्रीय इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अलग अलग हुयी गोलमेज बैठकों का उल्लेख करते हुये कहा कि इसमें दुनिया भर की प्रमुख सेमीकंडक्टर कंपनियों के 20 से अधिक सीईओ और सीएक्सओ ने भाग लिया और सभी ने लगभग सरकार की नीतियां की सराहना की है और सब लोग भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग को लेकर उत्साहित हैं।
श्री मनोचा ने कहा कि भारत को 2027 तक 250,000 से 300,000 पेशेवरों की कार्यबल की कमी का सामना करना पड़ सकता है। इस मांग को पूरा करने के लिए भारत को प्रतिभा को आगे बढ़ाना महत्वपूर्ण है और इस प्रयास में वैश्विक कंपनियों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को संपन्न सेमीकॉन इंडिया 2024 का पहली बार भारत में आयोजन किया गया था। सेमी ने इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन और डिजिटल इंडिया के साथ ही मेसी मुहेन इंडिया के सहयोग से इसका आयोजन किया था जिसका बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुभारंभ किया था।