ग्वालियर। शहर में नाबालिग छात्रा के साथ एक महिला और उसके तीन साथियों ने फावड़े के बैंटे से बेरहमी से मारपीट कर दी। नाबालिग का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने अपने साथ हुई छेडख़ानी का विरोध किया था। इसी बात पर महिला और उसके साथी आग-बबूला हो गए। पीडि़ता 7वीं कक्षा की छात्रा है। पीडि़ता दर्द से कराहती हुई, पैर पर प्लास्टर बंधे हुए एसपी ऑफिस की जन सुनवाई में पहुंची और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
मुरार थाना क्षेत्र में रहने वाली एक छात्रा खाने-पीने का सामान खरीदने दुकान गई थी। दुकान संचालिका भागवती कुशवाह अपराधिक प्रवृत्ति की महिला है। इस दौरान भागवती ने अपने पुरुष साथियों के सामने नाबालिग के कपड़े उतार दिए। सार्वजनिक तौर पर उसके साथ हुई इस बदसलूकी और छेडख़ानी की शिकायत पीडि़त ने अपनी बड़ी बहन से की थी।
इस पर बड़ी बहन ने महिला को खरी-खोटी सुनाई। इसी बात से महिला और साथी जीतू कुशवाह नाराज हो गए। उसने नाबालिग और उसकी बहन को जान से मारने की धमकी दी। अब महिला भागवती कुशवाह, जीतू, संतोष और राहुल ने एक राय होकर नाबालिग के स्कूल से वापस घर लौटते समय उस पर जानलेवा हमला कर दिया और डंडे से बुरी तरह जमीन पर पटक कर पीटा।
नाबालिग की बड़ी बहन का आरोप है कि उसकी बहन के गुप्तांग में फावड़े का डंडा डालने की कोशिश की गई। इस घटना में बच्ची की स्कूल ड्रेस बुरी तरह फट गई और वह लहूलुहान हालत में जमीन पर पड़ी हुई थी। बहन और मां उसे घायल हालत में अस्पताल लेकर पहुंचे, जब उसका एक्सरा कराया गया तो उसके पैर की हड्डी बुरी तरह टूट गई थी। हाथों में भी कई फैक्चर आए हैं। इस घटना के बाद पीडि़ता सदमे में है।
ऐसे में पीडि़ता को लेकर परिजन एसपी की जनसुनवाई में पहुंचे। उन्होंने आरोपियों के मकान तोड़े जाने व उचित कार्यवाही की मांग उठाई। पीडि़ता की बहन का आरोप है कि घायल अवस्था में भी बदमाशों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा, जब बच्ची को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल ले जाया गया। तब भी बदमाश पीछे आ गए और जान से मारने की धमकी देकर पुलिस शिकायत वापस लेने की बात कह कर गए।
कुल मिलाकर नाबालिग बच्ची के साथ हुई इस तरह की घटना से शहर की कानून व्यवस्था पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। बच्ची और उसके परिवार वाले भागवती कुशवाह और उसके साथियों से बुरी तरह भयभीत है।
इस मामले में एएसपी निरंजन शर्मा ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है। उन्होंने मुरार थाना प्रभारी को जांच कर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अतिरिक्त धाराएं बढ़ाने की बात कही है।