मौत वाली लिफ्ट,मरीज समेत 7 की जान मुश्किल से बची

मेंटेनेंस करने वालों की जांच हो,अस्पताल वाले जिंदगी को सस्ती मान रहे,घटना पर लीपा-पोती शुरू

 

नवभारत न्यूज

खंडवा। मेडिकल कॉलेज अस्पताल की लिफ्ट अटक गई। देर रात एक गंभीर घायल पेशेंट के साथ सात लोग फंस गए। लिफ्ट बीच में ही बन्द होकर लॉक हो गई। पेशेंट, अटेंडर और अस्पताल स्टाफ के 7 लोग आधे घंटे तक लिफ्ट में ही फंसे रहे। अधिकतर काम ठेके पर चल रहे हैं। ठेकेदार मुुफ्त में पैसा लेकर मेटेनेंस नहीं करते। क्या लोगों की जान इतनी सस्ती है?

इस दौरान वहां मौजूद मरीज के परिजनों ने लिफ्ट सुपरवाइजर को कई बार कॉल भी किया, लेकिन उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया। मरीज के परिजनों ने इस घटना का एक वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इस मामले में अस्पताल प्रबंधन से पूछा गया तो, उन्होंने लिफ्ट में टेक्निकल फाल्ट आने के चलते इस तरह की घटना होना बताया है। अस्पताल प्रबंधन ने जांच के बाद लापरवाह सुपरवाइजर पर भी कार्रवाई की बात कही है।

जिंदगी-मौत में

झूलता रहा मरीज

घायल युवक आधा घंटा से अधिक समय तक जिंदगी मौत से जूझता रहा। जैसे तैसे घायल युवक और अन्य लोगों को लिफ्ट से बाहर निकाला गया। पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन और लिफ्ट का रखरखाव करने वाली ठेकेदार कंपनी की बड़ी लापरवाही सामने आई है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दो लिफ्ट से मरीज और अटेंडर चौथी मंजिल तक आना जाना करते हैं, गंभीर मरीजों को फोर्थ फ्लोर पर उपचार की व्यवस्था है। एक लिफ्ट पहले ही बंद है। दूसरी लिफ्ट पर लोड बढऩे की वजह से वो भी बार बार अटक रही है।

मरीज लेकर जा

रही थी लिफ्ट

घटना के बारे में बताया गया है कि, युवक को गंभीर अवस्था में मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया था। युवक के पेट में गंभीर चोट के चलते डॉक्टरों ने पेट का एक्सरे करने ग्राउंड फ्लोर पर भेजा था, इसी दौरान लिफ्ट अटक गई। लिफ्ट फंसने की घटना के बाद हडक़ंप मच गया। लिफ्ट में फंसे परेशान लोगों ने तुरंत लिफ्ट सुपरवाइजर को फोन किया लेकिन फोन लगातार बिजी आता रहा।

टेक्निकल फाल्ट

बता पल्ला झाड़ा

अस्पताल प्रबंधन की डॉक्टर रंजीत बड़ोले ने बताया कि उन्हें घटना की जानकारी है। देर रात करीब 12 बजे की बात बताई। कुछ टेक्निकल खराबी की वजह से, कुछ देर मरीज व लोग लाक हो गए थे।

सब स्टेशनों पर लाइटमेन की 8-8 घंटे की ड्यूटी लगाई गई है। जांच के बाद किसी की गलती होगी तो उचित कार्रवाई करेंगे। इसे टेक्नीकल फाल्ट बताकर अस्पताल प्रशासन हल्के में ले रहा है। मामला बड़ा है। यदि घटना के समय लापरवाही के चलते फोन नहीं उठाना गलत था। ऐसे में सात लोगों की मौत हो जाती तो?

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