नयी दिल्ली 09 सितंबर (वार्ता) माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने विश्विवद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों को शोध एवं अनुसंधान के लिए मिलने वाली राशि या अनुदान को जीएसटी से मुक्त करने का निर्णय लिया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुयी बैठक में इसका प्रस्ताव स्वयं वित्त मंत्री ने किया और सभी राज्यों ने इसका समर्थन किया। बैठक के बाद श्रीमती सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसको लेकर सवाल उठाये थे। प्रधानमंत्री ने कहा था कि जब बजट में शोध एवं अनुसंधान कोष बनाने की बात की जा रही है तब ऐसी स्थिति में इस तरह की अनुदान आदि राशि पर जीएसटी लगना सही नहीं है।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि सोमवार को हुयी परिषद की 54वीं बैठक इस मुद्दे के आने पर उन्होंने स्वयं इसको लेकर प्रस्ताव किया जिसका सबसे पहले पश्चिम बंगला की वित्त मंत्री ने समर्थन किया और उसके बाद एक एक कर सभी राज्यों ने समर्थन किया।
उन्होंने कहा “ विश्वविद्यालय और अनुसंधान केंद्र जो केंद्र सरकार के एक कानून द्वारा स्थापित किए गए हैं। दूसरा, राज्य सरकारों के कानून द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय और शोध केंद्र या वे जिन्होंने आयकर छूट प्राप्त की है, वे सार्वजनिक और निजी दोनों से शोध निधि प्राप्त कर सकते हैं और उन्हें जीएसटी का भुगतान नहीं करना होगा। उन्हें जीएसटी का भुगतान करने से छूट दी गई है।”