लगातार हो रही बारिश से श्रद्धालुओं और रहवासियों के लिये मुसीबत बनी, कई इलाकों में जल जमाव की स्थिति उत्पन्न
नवभारत न्यूज
उज्जैन। रविवार को जहां गंभीर जलाशय के लबालब भर जाने पर महापौर से लेकर सभापति और नगर निगम आयुक्त से लेकर विधायक द्वारा पूजा की गई और बाबा महाकाल से लेकर बिलेश्वर महादेव का आभार प्रकट किया गया। वहीं दोपहर में तेज बारिश होने लगी और बादलों के गडग़ड़ाहट के बीच देर रात तक बारिश का सिलसिला चलता रहा ।
इंदौर के यशवंत सागर पर अब तक निर्भर रहने वाला उज्जैन का गंभीर जलाशय यूं तो लबालब हो गया बावजूद इसके भादो मास में जिस प्रकार से लगातार बारिश हो रही है। उसे लगता है कि कई बार जलाशय के गेट खोलने पड़ेंगे ।
नवभारत ने इस संबंध में मौसम वैज्ञानिक राजेंद्र गुप्त से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि वेधशाला में लगातार तापमान से लेकर आद्रता की गणना की जा रही है। रविवार को न्यूनतम तापमान 24 डिग्री पर था। वही बारिश से मौसम एक बार फिर बदल गया है और यह सिस्टम लगातार बना हुआ रहेगा। अब तक 900 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जा चुकी है। महाकाल बाबा की सवारी आज निकलेगी और यह सातवीं सवारी है। जिसे शाही सवारी भी कहा जाता है। शाम 4 बजे बाबा महाकाल के मंदिर के सभा मंडप से पालकी मंदिर परिसर में आएगी और उसके बाद 7 किलोमीटर लंबे सवारी मार्ग पर बाबा महाकाल भक्तों को दर्शन देंगे। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार सोमवार को भी बारिश की संभावना बनी हुई है।
सोमवती अमावस्या भी आज
उज्जैन में गंभीर में भरपूर पानी आने से जल संकट की चिंता तो दूर हो गई है, बावजूद इसके अब लगातार उज्जैन में हो रही बारिश से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है निचले इलाकों में पानी भर गया है और लोगों को आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ।जो कमजोर आय वर्ग के निवासी हैं उन्हें जल जमाव जल भराव से अधिक परेशानी उत्पन्न हो रही है शहर में ऐसे कहीं निचले इलाके हैं जिसमें शांति नगर ,एकता नगरज़ चाणक्यपुरी से लेकर मंछामन कॉलोनी के आगे हनुमान नाका चौराहे पर बने नाले से जनता को मुसीबत झेलना पड़ रही है।
कीचड़ और पानी से सवारी में दिक्कत
महाकाल बाबा की सवारी का यह मार्ग 7 किलोमीटर लंबा रहेगा। रामघाट पर बाबा महाकाल की पालकी का पूजन होगा ।उसके बाद सवारी रामानुज कोट, कार्तिक चौक, ढाबा रोड, गोपाल मंदिर के आगे कंठाल चौराहे पर जाएगी। फिर सती गेट ,गोपाल मंदिर होती हुई पुन: पटनी बाजार से मंदिर पहुंचेगी। इस बीच मार्ग में बारिश और कीचड़ की समस्या भी श्रद्धालुओं को उत्पन्न होगी इसके लिए नगर निगम को स्वच्छता अभियान चलाने की आवश्यकता है। जिसे कई हिस्सों में देखा जा सकेगा।