कीचड़ से सराबोर सडक़ से त्रस्त हैं सोनवर्षा के ग्रामीण 

– मझौली जनपद के नदहा ग्राम पंचायत के सोनवर्षा का हाल

तेज बारिश होने पर जलमग्र हो जाती है कच्ची सडक़

नवभारत न्यूज

सीधी 23 अगस्त। जिले के मझौली जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत नदहा के सोनवर्षा के ग्रामीणों के लिए बरसात के दिनों में कीचड़ से सराबोर सडक़ मुसीबत का सबब बनी हुई है। यह समस्या 5-6 वर्षों से गंभीर रूप धारण कर चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि तेज बारिश होने पर यह कच्ची सडक़ भी पानी में डूब जाती है। श्रीराम मंदिर से हीरा नामदेव के घर तक जाने वाली करीब 100 मीटर की सार्वजनिक सडक़ होने के कारण यहां से लोगों की आवाजाही रात में भी बनी रहती है। रात में जहरीले जीव-जंतुओं का विचरण यहां सबसे ज्यादा रहता है। सडक़ की समस्या को लेकर स्थानीय रहवासियों द्वारा ग्राम पंचायत नदहा के सरपंच-सचिव से तो वर्षों से गुहार लगाई जा रही है। साथ ही शासन-प्रशासन को भी ज्ञापन के माध्यम से कई बार सडक़ की समस्या को लेकर जानकारी दी गई। जिससे सडक़ का निर्माण कार्य कराया जा सके। विडंबना यह है कि यहां के जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं। संभवत: उनको किसी बड़े हादसे का इंतजार है। दरअसल ग्राम सोनवर्षा की आबादी करीब 3 हजार है। यहां के बड़े बुजुर्गों का कहना है कि बरसात के दिनों में कीचड़ से सराबोर सडक़ के चलते सबसे ज्यादा समस्याएं उठानी पड़ती है। छोटे-छोटे बच्चों को कीचड़ से सराबोर होकर स्कूल जाने एवं आने की मजबूरी बन जाती है। वहीं दो पहिया वाहन चालक कीचड़ में फिसलन के चलते गिरकर चोंटिल हो रहे हैं। बरसात के दिनों में हालात यह है कि कीचड़ से सराबोर सडक़ से चार पहिया वाहनों का निकलना भी मुश्किल है। यदि कोई व्यक्ति बीमार हो जाए तो उसको अस्पताल पहुंचाने के लिए चारपाई या ट्रैक्टर के सहारे ही मुख्य सडक़ तक पहुंचाया जा सकता है। ग्रामीणों का कहना था कि ग्रामीण सडक़ों के निर्माण के लिए भारी-भरकम बजट खर्च हो रही है लेकिन जहां आवश्यक है वहां जिम्मेदारों द्वारा सडक़ का निर्माण करानें की जरूरत नहीं समझी जाती। जिन स्थानों में सडक़ की इतनी जरूरत नहीं है वहां सरपंच-सचिव द्वारा सडक़ का निर्माण कार्य सबसे आगे कराने की कार्ययोजना बना ली जाती है।

 

इनका कहना है-

 

कीचड़ से पटी सडक़ से बुजुर्ग लोगों का सुरक्षित निकलना काफी मुश्किल है। यदि वह कहीं जरूरत से गई तो सडक़ को पार करने में कई जगह पर बैठना पड़ता है। 5-6 सालों से बरसात के दिनों में यहां की कच्ची सडक़ में सबसे ज्यादा समस्या बनी हुई है। जिसको देखने वाले न तो सरपंच हैं और न ही सचिव। अधिकारी भी सडक़ को लेकर पूरी तरह लापरवाह बने हुए हैं।

 

सीताबाई मिश्रा, सोनवर्षा

००००

सोनवर्षा गांव में सडक़ को लेकर जहां समस्या बनी हुई है उसकी लंबाई करीब तीन जंजीर है। छोटी सडक़ होने के बावजूद इसका निर्माण कार्य कराने में पंचायत के नुमाइंदों की कोई दिलचस्पी नहीं है। इसी वजह से यहां से बरसात के दिनों में निकलने के कारण हमेंशा खतरा बना रहता है। लोग तालाब के मेढ़ से होकर ही निकलते हैं जबकि वहां बिजली का तार काफी नजदीक से है।

 

उमाकांत मिश्रा, सोनवर्षा

००००

पहले यहां सुगम मार्ग था। लेकिन मार्ग के काफी क्षेत्र में अतिक्रमण कर लेने के कारण सडक़ की समस्या गंभीर हो चुकी है। सडक़ को लेकर सबसे ज्यादा दिक्कतें बरसात के दिनों में होती हैं। अन्य मौसम में किसी तरह काम चल जाता है। सडक़ की इस समस्या को दूर कराने के लिए ग्राम पंचायत को आगे आकर पहल करनी चाहिए जिससे जनता की समस्या का निराकरण हो सके।

रामाश्रय कुशवाहा, सोनवर्षा

००००

100 मीटर की सडक़ का निर्माण यदि ग्राम पंचायत द्वारा करा दिया जाए तो सोनवर्षा की 3 हजार आबादी को बरसात के दिनों में सडक़ की समस्या से परेशान न होना पड़ेगा। स्थिति यह है कि दो पहिया वाहन सडक़ के पहले की खड़ा करके लोग आगे अपने काम के सिलसिले में जाते हैं। बाद में कीचड़ को पार करके फिर लौटते हैं और दो पहिया वाहन लेकर आगे निकल जाते हैं।

रवि मिश्रा, सोनवर्षा

०००००००००००००

Next Post

सुबह तेज धूप,दोपहर को बारिश,स्टेशन रोड बना दरिया

Fri Aug 23 , 2024
Share on Facebook Tweet it Share on Reddit Pin it Share it Email दोपहर बाद तेज बारिश में नहाया शहर,सुक्ता व ओंकारेश्वर बांध के दो-दो व इंदिरा सागर का 1 गेट खुले   नवभारत न्यूज खंडवा। दोपहर 12 बजे तक तेज धूप के बाद मोटी-मोटी बूंदों ने शहर को तर-बतर […]

You May Like