शहर के प्रायवेट ओपीडी और क्लीनिकों पर रही हड़ताल

डॉक्टरों ने नहीं किया काम, भत
इंदौर:आईएमए इंदौर के डॉक्टरों ने कोलकाता में हुई डॉक्टर की हत्या और बलात्कार की घटना की निंदा की. कल रात, 3000 से अधिक डॉक्टरों ने मोमबत्ती मार्च निकाला, जिसमें जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन और छात्र शामिल थे. शनिवार को जूनियर डॉक्टर भी हड़ताल पर रहे. आयुष विभाग और मेडिकल कॉलेज के दूसरे कंसल्टेंट को ओपीडी ड्यूटी पर लगाया गया, आईएमए इंदौर ने सभी ओपीडी अस्पतालों और क्लीनिकों की हड़ताल की, जिसमें 5000 से अधिक डॉक्टर शामिल थे, जिनमें सभी प्रमुख कॉर्पोरेट अस्पताल और सरकारी अस्पताल शामिल थे. ओपीडी और डायग्नोस्टिक सेवाएं बंद रहीं. भर्ती मरीजों का इलाज रहा जारी.

शनिवार दोपहर एमजीएम मेडिकल कॉलेज के सामने जूनियर डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया और कार्रवाई की मांग की. इस हड़ताल का मकसद कोलकाता में हुई घटना के खिलाफ आवाज उठाना और डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग करना था. डॉक्टरों ने कहा कि वे अपने सहयोगी की मौत से दुखी हैं और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार से कार्रवाई की मांग करते हैं. हड़ताल के दौरान, डॉक्टरों ने सरकार से मांग की कि वे डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कठोर कानून बनाएं और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं डॉक्टरों ने कहा कि वे अपने मरीजों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन अपनी सुरक्षा के लिए भी आवाज उठाना जरूरी है. इस हड़ताल का समर्थन आईएमए इंदौर और जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने किया. डॉक्टरों ने कहा कि वे अपनी मांगों के लिए लड़ते रहेंगे और मरीजों की सेवा करना जारी रखेंगे.
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हो
आईएमए अध्यक्ष डॉ नरेंद्र पाटीदार ने सरकार को डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कठोर कानून बनाने चाहिए. अस्पतालों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए. महिला डॉक्टरों के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए. हम मांग करते हैं कि सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए तुरंत कार्रवाई करें. हमारे देश के युवा डॉक्टरों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है. डॉक्टरों के अधिकारों की रक्षा के लिए हम एकजुट होंगे. हम अपनी आवाज उठाएंगे और सरकार से डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग करेंगे. आईएमए इंदौर सचिव डॉ अक्षत पांडे ने कोलकाता में हुई डॉक्टर की हत्या और बलात्कार की घटना ने हमें डॉक्टरों की सुरक्षा के प्रति जागरूक किया है. खासकर महिला डॉक्टरों के लिए, सुरक्षा एक प्राथमिकता होनी चाहिए. सरकार को डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कठोर कानून बनाने चाहिए. महिला डॉक्टरों के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए जैसे की सीसीटीवी कैमरा हर रूम में होना चाहिए. इसके अलावा सुरक्षाकर्मी 24 घंटे मौजूद होना चाहिए.

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