राज्यसभा में जया बच्चन की टिप्पणी पर हंगामा, सभापति नाराज

नयी दिल्ली 09 अगस्त (वार्ता) राज्यसभा में समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने सभापति जगदीप धनकड़ की टोन ( बोलने के तरीके) पर शुक्रवार को सवाल उठाए जिससे सभापति नाराज हो गये और मर्यादित आचरण की नसीहत दी जबकि इसी बीच विपक्षी सदस्यों ने ‘दादागीरी नहीं चलेगी’ के नारे लगाते हुए बर्हिगमन किया जिसके बाद सदन में विपक्ष के आचरण को अमर्यादित बताते हुए निंदा प्रस्ताव पेश किया गया।

इसके बाद सदन की कार्यवाही भोजनावकाश के लिए स्थगित कर दी गयी। भोजनावकाश के बाद भी पहले ढाई बजे तक, फिर अपराह्न तीन बजे तक और फिर उसके बाद अपराह्न साढे तीन बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

सदन में प्रश्नकाल शुरू होने पर कांग्रेस के जयराम रमेश ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे को लेकर भारतीय जनता पार्टी के सदस्य घनश्याम तिवाड़ी द्वारा बजट पर चर्चा के दौरान की गयी टिप्पणी पर की गयी कार्रवाई के बारे में सभापति से जानना चाहा।

श्री रमेश ने कहा कि कुछ आपत्तिजनक बातें कही गई थीं। इस पर आपने कहा था कि व्यवस्था देंगे। उन्होंने सवाल किया कि वह व्यवस्था क्या है। इसके जवाब में सभापति ने कहा कि श्री खड़गे और श्री तिवाड़ी, दोनों ही मेरे कक्ष में आए थे। एक-एक चीज पर नजर डाली गई। उन्होंने कहा कि श्री तिवाड़ी ने कहा था कि अगर कुछ भी आपत्तिजनक हो तो मैं सदन में माफी मांगने के लिए तैयार हूं। खड़गे जी भी इस पर सहमत थे कि कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है, उस समय समझ नहीं आया। उन्होंने कहा कि श्री खड़गे की प्रशंसा में श्री तिवाड़ी ने श्रेष्ठतम बातें कही थीं। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं था। इस पर श्री खड़गे ने कहा कि यह बातें सदन भी जानना चाहिए। सभापति ने कहा कि श्री तिवाड़ी ने संसदीय भाषा में अपनी बातें कहीं। इस पर श्री रमेश ने माफी मांगने की मांग की। इस पर सभापति ने कहा कि प्रशंसा के लिए कोई माफी नहीं मांगता है। वे माफी नहीं मांगेंगे। इस पर कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने कहा कि जो शब्द कहे थे, वह दोहराना नहीं चाहता। जो टोन थी, वह विपक्ष के नेता के लिए ठीक नहीं थी। श्री रमेश ने कहा कि परिवारवाद का आरोप था, परिवारवाद की बात थी। सभापति ने कहा कि कोई मुद्दा है तो आप लिखित में दीजिए। सभापति ने श्री रमेश को नाम इंगित लेने की भी चेतावनी दी। इस पर कांग्रेस के अजय माकन ने कहा कि क्यों नाम इंगित कर देंगे। एक बात जो विपक्ष के नेता के साथ हुआ वह बताने के लिए नाम इंगित कर देंगे। आप कहते हैं- हंस क्यों रहे हैं, मुस्करा क्यों रहे हैं, बैठे क्यों हैं।

इसके बाद सभापति ने पहले द्रमुक के तिरुची शिवा को बोलने की इजाजत दी। श्री शिवा ने अनुरोध किया कि विपक्ष के नेता जब भी अपनी बात रखनी चाहें उन्हें इसकी अनुमति दी जानी चाहिये। इसके बाद सभापति ने जया अमिताभ बच्चन को अपनी बात रखने के लिए कहा। श्रीमती बच्चन ने क, “मैं एक कलाकार हूं और बॉडी लैंग्वेज, एक्सप्रेशन समझती हूं। मुझे माफ करिएगा सर, आपकी जो टोन है, ठीक नहीं है। हम लोग सहयोगी हैं, आप आसन पर बैठे हैं। आपकी टोन अस्वीकार्य है।” इस पर सभापति खिन्न हो गये और सख्त लहजे में कहा कि बहुत हो गया आपको सदन की मर्यादा बनाये रखनी होगी, आपने सम्मान अर्जित किया है, लेकिन आपको पता होना चाहिये की एक एक्टर डायरेक्टर के अधीन काम करता है, आप वह नहीं देखते जो आसन देखता है। सभी का सम्मान होना चाहिये। सदन में आसन सर्वोपरि है।

इसी दौरान विपक्ष के सदस्यों ने सदन से बर्हिगमन किया। इसके बाद सदन के नेता जे पी नड्डा ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में यह आचरण बहुत ही निंदनीय है। इस आचरण के लिए माफी मांगी जानी चाहिए। इसकी जितनी निंदा की जाये कम है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान, जनता दल सेक्युलर के सदस्य एवं पूर्व प्रधानंत्री एच डी देवेगौड़ा, जनता दल यूनाइटेड के रामनाथ ठाकुर, राष्ट्रीय लोकदल के नेता एवं कौशल विकास तथा उद्यमशिलता राज्य मंत्री जयंत चौधरी, जनता दल यू के सदस्य संजय कुमार झा, तमिल मनिला कांग्रेस (एम) के जी. के. वासन, भारत राष्ट्र समिति के आर सुरेश रेड्डी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफ्फुल पटेल और केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने भी इस घटनाक्रम को निंदनीय बताया।

इसके बाद श्री नड्डा ने विपक्ष के आचरण को लेकर निंदा प्रस्ताव पेश किया। इसके बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही भोजनावकाश के लिए स्थगित कर दी।

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