दुष्कर्म के मामले में यज्ञवेदी निर्वाणी अखाड़ा महंत सत्यप्रकाश दास समेत 3 के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दिए आदेश

सतना: धमकी देकर विवाहिता महिला का शोषण करने के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने महंत समेत 3 के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।मध्य प्रदेश के सतना जिले के एक मोहल्ले की रहने वाली महिला ने बताया कि उसके पति चित्रकूट के महंत सत्यप्रकाश दास के साथ रहते थे। इसके चलते महंत के विरूद्ध पहाड़ी थाना में हत्या के प्रयास के एक मामले में उसके पति को भी सह अभियुक्त बनाया गया था। वर्ष 2016 में उसके पति महंत सत्यप्रकाश दास के साथ जेल मे थे। इसके चलते मुकदमें की पैरवी के लिए वह चित्रकूट आती थी और यज्ञवेदी निर्वाणी अखाडा में रूकती थी।

जहां महंत के भाई जय प्रकाश ने उसे एक कमरा दिला दिया था। कमरा दिलाने के बद पति के जेल में रहने के कारण जय प्रकाश ने डरा धमकाकर उससे शारीरिक सम्बन्ध बनाया। मना करने व विरोध करने पर पति को जेल में बंद रखने और जान से मरवाने की धमकी देता था। इस दौरान जय प्रकाश अपने भाई महंत सत्यप्रकाश दास और अपने रिश्तेदार अरविन्द मिश्रा के साथ लगातार उसका शारीरिक शोषण करते रहे और इसकी जानकारी किसी को देने पर जान से मारने की धमकी भी देते रहे। बीती 18 जून 2024 को तीनों आरोपियों ने यज्ञवेदी निर्वाणी अखाड़ा के कमरे से उसके पति को बाहर भेज दिया और रात में तीनों लोगों ने बिना उसकी इच्छा के जबरन शारीरिक सम्बन्ध बनाने का प्रयास किया।

विरोध करने पर मारपीट की। इस दौरान महंत ने कहा कि उनके मन मुताबिक काम न करने पर वह उसके पति व बच्चों को गायब करवा देंगे। इसके दूसरे दिन 19 जनू को उसने अपने पति को पूरी घटना की जानकारी दी और उनके साथ सीतापुर चैकी जाकर शिकायती प्रार्थना पत्र दिया, किन्तु कोई सुनवाई नही हुई। इसके बाद उसने उच्चाधिकारियों को भी अपने साथ हुए शोषण की जानकारी दी, किन्तु कोई सुनवाई नहीं की गयी। साथ ही आरोपियों द्वारा धमकी दी गयी। पीड़िता ने बताया कि आरोपी साधु वेश में पेशवर अपराधी और इसके विरूद्ध कई अपराधिक मुकदमें पंजीकृत हैं। जिसके दबाव और प्रभाव के कारण कोई कुछ कहने को तैयार नहीं है। पीड़िता ने इस मामले में कोई सुनवाई न होने पर न्यायालय में धारा 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र दिया था।मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजेन्द्र प्रसाद भारती ने पीड़िता द्वारा दिए गए धारा 156 (3) के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए सम्बन्धित प्रभारी निरीक्षक को घटना के बावत उचित धाराओं में रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए हैं। साथ ही विधि अनुसार विवेचना कराने और आख्या प्रस्तुत करने को कहा है।

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