विंध्य की डायरी
डॉ रवि तिवारी
प्रदेश में डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में बनी नई सरकार के एक साल पूरे होने वाले हैं. विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में भी विंध्य ने प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के प्रति जिस प्रकार से पूर्ण समर्थन व्यक्त किया है. उसके बाद से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रदेश में होने वाली राजनैतिक नियुक्तियों में विंध्य को विशेष महत्व मिल सकता है. इसके लिए सक्षम नेताओ ने अपनी पूरी ताकत लगा रखी है. हालांकि पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व ने इस मामले में प्रदेश के मुखिया को पूर्ण स्वतंत्रता दे रखी है. इसके स्पष्ट संकेत अभी तक नहीं मिले हैं. फिलहाल विंध्य विकास प्राधिकरण और चित्रकूट विकास प्राधिकरण दोनों के अध्यक्ष के पद रिक्त है. पूर्व में चित्रकूट के मामले में एक बार मुख्यमंत्री कह चुके है कि वहाँ अभी राजनैतिक नियुक्ति के बजाय प्रशासनिक अधिकारियों को दायित्व सौपा जाएगा,लेकिन उनके यह कहने के एक माह बाद भी किसी भी अधिकारी को कोई जिम्मेदारी नही सौपी गई है. इसके अलावा भी प्रदेश के कई निगम मंडल ऐसे हैं जिनके जिम्मेदारो के नाम अभी तक ठय नहीं हो पाए कुछ महत्वपूर्ण जगहों पर पूर्व वर्ति सरकार के नियुक्त नेता अभी भी पूरी सक्रियता से लगे हुए हैं. उन्हें इस बात का यकीन है कि मोहन सरकार उन्हें नही हटाएगी. संगठन से सत्ता की इस पहली सीढ़ी में चढऩे के लिए तैयार बैठे नेता भी फिलहाल चुप्पी साधे हुए हैं. अब देखना यह है कि कब किसको कहाँ मौका मिलता है.
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युवा कांग्रेस ने ताकत का कराया अहसास
नीट-नर्सिंग घोटाले को लेकर युवा कांग्रेस ने शक्ति प्रदर्शन कर अपनी ताकत का अहसास कराया. सोमवार को प्रदर्शन के दौरान बवाल हुआ, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस की गोले छोड़े और लाठियां भी भांजी. मंहगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरा गया. प्रदर्शन के बहाने विंध्य मे युवा कांग्रेस ने अपनी ताकत की छाप छोड़ी है. लंबे अर्से बाद पहली बार युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओ ने एकता और मजबूती के साथ सरकार के खिलाफ हल्ला बोला है. वरिष्ठ कांग्रेस नेताओ के मार्गदर्शन में किये गये इस प्रदर्शन में प्रशासन को हिला कर रख दिया. सुरक्षा का ऐसा घेरा बनाया गया था जैसे कोई बहुत बड़ा किसान आन्दोलन हो रहा हो. बगैर डऱे कार्यकर्ताओ ने कलेक्ट्रेट में चढ़ाई की. पूर्व नेता प्रतिपक्ष चुरहट विधायक अजय सिंह के नेतृत्व मे कार्यकर्ता पहुंचे. आंसू गैस और वाटर कैनन के चपेट में अजय सिंह भी आये. विंध्य मे हुए इस प्रदर्शन के बाद कांग्रेस नेताओ को भी एक नई ऊर्जा मिली है. आगे युवाओ के दम पर विंध्य में बड़ा आन्दोलन कर सरकार को घेरा जा सकता है यह भी संदेश निकल कर आया है.
एसपी के गले की फांस बना आदेश
रीवा जोन की पुलिस भी कमाल की है, यहा के अफसर कब क्या आदेश जारी कर दें और फिर खुद ही निरस्त कर दें. जांच के नाम पर क्लीन चिट मिल जाय यह रीवा में ही संभव है. दरअसल वाहनो में रेडियम रिफलेक्टर लगाने का आदेश मैहर व सिंगरौली एसपी ने किया जो गले का फांस बन गया. रिफलेक्टर लगाने के बहाने अवैध वसूली का खेल शुरू हो गया. चार दिन तक मामला तूल पकड़े था और फिर आनन-फानन डीआईजी ने जांच की और रिपोर्ट सौपी गई. हिदायत के साथ मामले का पटाक्षेप करने की कोशिश की गई है. भविष्य में इस तरह का कोई आदेश जारी करने की गलती एसपी न करे. हिदायत के साथ प्रकरण क्लोज हो गया. अब सवाल यह उठता है कि यही गलती छोटा कर्मचारी करता तो उसका निलंबन और पद से हटाये जाने की कार्यवाही निश्चित थी पर बड़े अफसरो की बात ही कुछ अलग है, उन पर भला कौन उंगली उठायेगा. विंध्य में खासकर रीवा में अपराध इस समय सर चढक़र बोल रहा है, अपराधी नंगा नाच कर रहे है. आईजी, डीआईजी के मुख्यालय में अपराध की कहानियां लिखी जा रही है. न तो महिलाएं सुरक्षित है न लोग अब घर में सुरक्षित है. नये-नये प्रयोग पुलिस जरूर कर रही.