हरिद्वार 29 जुलाई (वार्ता) सावन के दूसरे सोमवार को हरिद्वार के विभिन्न शिवायों में श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया। हरिद्वार के शिव मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की कतारें लगनी शुरू हो गई थीं। हरिद्वार के प्रसिद्ध मंदिर दक्ष प्रजापति मंदिर एवं अन्य शिव मंदिरों में भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया ।
हरिद्वार के प्राचीन बिल्वकेश्वर मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया था। मान्यताओं के अनुसार बिल्वकेश्वर मंदिर में माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए हजारों साल तपस्या की थी और गौरीकुंड को अपना आश्रय स्थल बनाया था इसलिए जो भक्त श्रावण मास के दिनों में भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। उन्हें अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
बिल्वकेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी पुनीत पुरी ने बताया कि सावन के महीने में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इसी प्रकार गोरी कुंड में स्नान करने से विवाह में आ रही अड़चने भी दूर होती हैं और संतान सुख की प्राप्ति होती है। वहीं भगवान शिव की ससुराल दक्ष प्रजापति मंदिर में भी भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया श्रद्धालुओं का कहना है कि श्रावण मास में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और मन को शांति प्राप्ति होती है। इसलिए उन्होंने अपने परिजनों तथा इष्ट मित्रों एवं देश का समाज के कल्याण के लिए की मनोकामना के साथ जलाभिषेक किया है जिससे उन्हें काफी आनंद की अनुभूति हो रही है।