- तिगुनी कीमत पर बीज बेचकर 10 हजार करोड़ का कर रही भ्रष्ट्राचार.
- कांग्रेस की पत्रकारवार्ता में अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मोहन सरकार पर लगाए आरोप
नवभारत प्रतिनिधि
भोपाल, 27 जुलाई. प्रदेश की मोहन सरकार किसानों को उन्नत बीज के नाम पर घटिया बीज दे रही है. इन बीजों को तीन गुना दाम पर बेचकर हजारों करोड़ का भ्रष्ट्राचार बीज उत्पादक कंपनियां तथा सरकारी बीज प्रमाणीकरण संस्था कर रही है. इस खेल में 10 हजार करोड़ रुपए का भ्रष्ट्राचार सरकार कर रही है. लगभग 40 लाख किसानों के साथ धोखाधड़ी हो रही है.
यह खुलासा कांग्रेस के प्रदेश मुखिया जीतू पटवारी, मुकेश नायक और वीरेंद्र सखलेचा ने शनिवार को आयोजित पत्रकारवार्ता में संयुक्त रूप से किया. पीसीसी के मुखिया जीतू ने सरकार पर किसानों से लूट करने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार किसानों से अगर ऐसे ही झूठ बोलेगी, तो यह अन्न उपजाने वाले किसानों के साथ आपराधिक अन्याय होगा. सरकार कागजी आंकड़ों के भरोसे झूठे बयान दे रही है.
उन्होंने कहा कि 15 से 20 वर्ष से बीज प्रमाणीकरण संस्था में जमे अधिकारी बेलगाम हो गये हैं. किसानों का बोगस पंजीकरण दिखाकर उन्नत किस्म के बीज का उत्पादन बताया जा रहा है. पिछले 15 वर्षों से बीज प्रमाणीकरण संस्था बीज उत्पादक, कंपनियों से संधि कर कागजों में उन्नत बीज की पैदाइश बताकर सामान्य फसल पर टैग लगाकर बेच रही है. एक्टिविस्ट महेश पांडे ने घोटाले को लेकर पिछले साल 16 अक्टूबर को आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में शिकायत की है, जिसपर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई. पत्रकार वार्ता में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, विधायकद्वय सिद्वार्थ कुशवाहा और नितेन्द्र सिंह राठौर भी उपस्थित रहे.
बॉक्स – कांग्रेस, खलिहान से सदन तक उठाएगी ये मुद्दा : नायक
प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने कहा कि उन्नत बीज के नाम पर किसानों के साथ ठगी और सरकार की कालाबाजारी को कांग्रेस विपक्ष की भूमिका में रहकर मूकदर्शक बनकर नहीं देख सकती. किसानों के साथ किए जा रहे अन्याय और ठगी को कांग्रेस पार्टी किसानों के हित में खेत-खलिहानों से लेकर सदन तक उठायेगी. पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने आरोप लगाया कि पिछले 3 वर्षों में खरीफ और रबी के मौसम मिलकर 31 लाख से 38 लाख क्विंटल उन्नत एवं संकर बीज की जगह बोगस बीज को प्रमाणीकरण कर किसानों के साथ धोखा किया जा रहा है.
बॉक्स – प्याज को गेहूं फसल बता कर दिया बीज प्रमाणीकरण : सखलेचा
पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने कहा कि बीज खरीदी के बिल,निरीक्षण प्रतिवेदन आदि पर कृषक के नकली हस्ताक्षर किए जा रहे हैं. भुगतान के नाम पर कंपनियां बेयरर चेक बनाकर कर्मचारियों से पैसे निकलवा रही हैं. वर्ष 2020-21 में उज्जैन जिले में जिन तहसील के कृषकों को फसल नुकसानी का मुआवजा मिल गया था, उनके निरीक्षण प्रतिवेदन बनाकर 100 प्रतिशत बीज का मानक के अनुरूप उत्पादन बता दिया. किसानों ने खेत में प्याज, लहसुन, मटर, चना, आलू की फसल लगाई लेकिन सर्वें में गेंहूं का उत्पादन बताकर बीज प्रमाणीकरण कर दिया गया.
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