घायल पड़ा चार हजार मरीजों के आने जाने का रास्ता
नौ करोड़ के बजट का डोज मंजूर, सडक¸ का इलाज अधूरा
धर्मेंद्र सिंह चौहान
इंदौर. प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महाराजा शिवाजीराव होल्कर चिकित्सालय परिसर की सडक¸ों की हालत बद से बदतर हो चुकी है. अस्पताल में आने-जाने वाले मरीजों व उनके परिजनों के साथ ही स्टॉफ को भी घायल पड़ी सडक¸ से होकर गुजरना पड़ रहा है. सडक¸ के इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज ने विकास प्राधिकरण के साथ मिलकर 9 करोड़ रुपए के बजट का डोज तो मंजूर कर दिया. मगर यहां की सडक¸ों का इलाज कब होगा यह कोई नहीं जानता.
एमवायएच परिसर में स्थित कैंसर अस्पताल, चाचा नेहरु, सुपर स्पेशलिटी के साथ ही अन्य जगहों पर आने जाने के लिए 6 किलोमीटर की वर्षों पुरानी सडक¸ इन दिनों बदहाल हो चुकी है. होलकर शासन काल में डाली गई ड्रेनेज की पाइप लाइन कई जगह से डेमेज होने के कारण इसका पानी सडक¸ पर फैलने लगता है. इस समस्या का स्थाई इलाज करने के लिए कॉलेज प्रशासन ने पूरे परिसर में नई पीवीसी की पाइप लाईन डालने का काम बारिश पूर्व शुरू किया. पाइप लाईन डालने के दौरान सडक¸ का जो ऑपरेशन किया था उस पर न तो पेंचवर्क के टांके लगाए और न ही उसकी प्लास्टिक सर्जरी की. ऐसे में अस्पताल परिसर में आने जाने वालों को इस उबड़-खाबड़ सडक¸ से ही होकर गुजरना पड़ रहा है. यहां आए दिन मरीज-परिजनों के साथ ही डॉक्टरों के साथ ही अन्य स्टॉफ के लोगों को संभल कर चलना पड़ रहा है.
पेंचवर्क भी नहीं कर रहे
एमवाय अस्पताल के एक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर नवभारत को बताया कि यहां की सडक¸ बनाने के लिए छह माह पहले स्वीकृती देते हुए 9 करोड़ रुपए का बजट भी पास हो चुका है. बावजूद इसके सडक¸ पर न तो पेंचवर्क किया जा रहा है और न ही नई सडक¸ बनाई जा रही है, नतीजतन खुदी हुई सडक¸ यहां आने-जाने वालों की मुसीबत का सबब बन गई है. बारिश के चलते सडक¸ पर कई जगह पानी भर जाता हैं, तो कई जगह कीचड़ होने से कई बार मरीज व परिजन गिर रहे हैं. इतना ही नहीं बाइक सवार तक फिसल रहे है. नई ओपीडी से अस्पताल परिसर में स्ट्रेचर पर ले जाए जाने वाले मरीजों के गिरने का खतरा हमेशा बना रहता है. जब मरीजों को यहां से वहां शिफ्ट किया जाता हैं तो एक स्ट्रेचर को दो-दो वार्ड बॉय मिल कर संभालते है. अस्पताल में मरीजों का इलाज तो हो रहा हैं, मगर यहां की वेटिंलेटर पर पड़ी सडक¸ को सही इलाज कब मिलेगा इसका जवाब किसी के पास नहीं है.
सीमेंट नहीं आने से फिर काम हुआ बंद
कैंसर अस्पताल के पास वाली सड़क कैंसर धर्मशाला से मटर्स के सामने से होते हुए शासकीय नर्सिंग कॉलेज चौराहा, चाचा नेहरु अस्पताल से सुपर स्पेशलिटी व मुख्य मार्ग की हालत अत्यन्त खराब है. ड्रेनेज लाईन डालने के बाद न तो इसका पेंचवर्क किया गया न ही इसी ठीक की जा रही है. बारिश पूर्व से ही इसका काम बंद पड़ा हुआ है. सूत्र बताते हैं कि कुछ दिन पहले सुपर स्पेशलिटी के पीछे की तरफ वाली सडक¸ का काम शुरु हुआ था मगर सीमेंट नहीं आने की वजह से फिर बंद हो गया. हालत यह है कि पूरे परिसर में ही कीचड़ व जलजमाव ही नजर आता है.