358 करोड़ की लागत से बन रही इंदौर-राधौगढ़ आठलेन सड़क

29 किलोमीटर लंबी सड़क में सर्विस रोड भी

 

इंदौर. एनएचएआई शहर के बायपास पर फीनिक्स मॉल से बैतूल नेशनल हाईवे को जोड़ने वाली आठलेन सड़क बना रहा है. यह सड़क 29 किलोमीटर लंबी है और दो सौ फुट चौड़ी बन रही है. यह दो जिलों की सीमा को भी जोड़ेगी. इस सड़क के बनने के बाद इंदौर नेशनल हाईवे से सीधे जुड़ जाएगा. इस सड़क पर चार फ्लाई ओवर के साथ बड़े अंडर पास भी बनाएं जा रहे है, जिससे बीच में पड़ने वाले गावों भी जुड़ जाएंगे. यह सड़क तीन सौ अठावन करोड़ खर्च करके बनाई जा रही है. इसका काम मार्च 2025 में पूरा होगा.

इंदौर शहर को पूर्वी क्षेत्र में एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है. यह सौगात बायपास रोड से कनाडिया, फीनिक्स मॉल से सेवाकुंज हॉस्पिटल होते हुए नेमावर रोड को जोड़ने वाली सड़क के रूप में मिलेगी. यह सड़क कुल 29 किलोमीटर लंबी होगी और आठ लेन की बनाई जा रही है. यह पहली सड़क होगी, जिसमें एनएचएआई सर्विस रोड भी बना रहा है. मेन कैरेज- वे फोरलेन का होगा. एनएचएआई ने इस सड़क नाम इंदौर-राधौगढ़ दिया है, और आगे यह सड़क देवास जिले में चापडा गांव के पहले कर्णावत गांव से जुड़ जाएगी. उक्त सड़क को बनाने का काम नवंबर 2022 में शुरू किया गया है. दोनों जिलों के 13 गांव की जमीन इस सड़क के लिए ली गई है. देवास जिले के कर्णावत गांव के बाद यह सड़क इंदौर-बैतूल नेशनल हाईवे से जुड़ जाएगी. 358 करोड़ में ठेका पी. डी. अग्रवाल कंपनी को दिया गया है.

दो साल में होगी पूरी, 16 किमी का हिस्सा बना

बायपास कनाडिया पर फ्लाई ओवर के बाद यह सड़क फोरलेन होगी. इंदौर की यह पहली सड़क होगी, जिसमें फोरलेन के साथ दोनों तरफ सर्विस रोड भी होगी. सर्विस रोड दो दो लेन की बनेगी. यह भविष्य में सड़क चौड़ी करने की योजना को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है. उक्त सड़क का काम तेजी से चल रहा है. फिलहाल फोरलेन सड़क का एक हिस्सा आठ किलोमीटर और दो लेन सड़क का 16 किलोमीटर हिस्सा बन चुका है. सड़क का निर्माण दो साल में पूरा करना है. नेशनल हाईवे अथॉरिटी इस सड़क को दिसंबर 2024 में पूरा करने का लक्ष्य लेकर चल रही है, लेकिन काली मिट्टी के कारण यह सड़क मार्च 2025 में पूरी होने के संभावना है.

 

 

इनका कहना है…..

एनएचएआई के रीजनल डायरेक्टर सोमेश बांझल ने कहा कि हमारा लक्ष्य दो साल के पहले पूरा करने का है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में काली मिट्टी होने से समय ज्यादा लग रहा है। काली मिट्टी बैठ जाती है , इससे परेशानी आ रही है।

 

इंदौर जिले के गांव

आक्या, बेगमखेड़ी,चौहनखेड़ी, गोगाखेड़ी, कनाडिया, खेमाणा और खुडैल खुर्द.

 

देवास जिले के गांव

अकबरपुर, अखेपुर, बराय, चौबा पिपलिया, गजनोदखेड़ा और राधौगढ़।

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