ग्रामीण सडक़ के गड्ढे नासूर बन गए,अब तो सुधरवा दो

 

नवभारत न्यूज

खंडवा। जरा सी बरसात क्या हुई, सडक़ों में घाव उभर आए। अब ये नासूर बन गए हैं। उनकी मरहम पट्टी नहीं हो सकती। सीधे बड़े ऑपरेशन (नई सडक़ निर्माण) की जरूरत है।

शहर के आसपास प्रधानमंत्री योजना वाली सडक़ों की स्थिति यही है। गड्ढों से गिट्टी उभर आई हैं। कई जगह तो सडक़ों पर पानी भरने से स्विमिंग पूल जैसी स्थिति निर्मित हो रही है। कलेक्टर ने कई बार बनवाने का वादा किया, लेकिन भूल गए।

कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई के दौरान बामनगांव के ग्रामीण पहुंचे। फिर से प्रशासन को याद दिलाई कि खंडवा से एक किलोमीटर दूर ही प्रधानमंत्री सडक़ योजना के क्या हाल हैं? लोगों को शवयात्रा निकलने तक में दिक्कत हो रही है! गड्ढों के कारण कई प्रस्तुताएं अस्पताल ले जाते समय सडक़ पर ही वाहन में डिलीवरी तक हो गई, लेकिन प्रशासन ने सुध नहीं ली।

जिला मुख्यालय से मात्र 1 किलोमीटर दूर ही प्रधानमंत्री सडक़ योजना से बनी सडक़ में इतने बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैंं कि अब यह सडक़ ग्राम वासियों के लिए जी का जंजाल बन चुकी है।

इस सडक़ को सुचारू रूप से रिपेयर का कार्य हो इसके लिए ग्रामीणों द्वारा कई बार जनसुनवाई मे आवेदन दिया जा चुका है। विगत दिनों जनसुनवाई में ग्रामीणों ने खंडवा कलेक्टर को इस रोड की समस्या बताई थी।

कलेक्टर अनूप सिंह ने आश्वासन दिया था कि एक हफ्ते के अंदर इस रोड के गड्ढे भर दिए जाएंगे, लेकिन प्रधानमंत्री सडक़ योजना के अधिकारियों ने अब तक इस पर ध्यान नहीं दिया है।

 

10 गांव जुड़़े हैं, इस सडक़ से

 

10 से अधिक गांव इस रोड से जुड़े हुए हैं। मंगलवार को कलेक्टर को फिर से आवेदन देने आए। वर्तमान में सडक़ पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। ग्रामीणों ने बताया कि इसी मार्ग पर कई गांव जुड़े हुए हैं ग्राम वासियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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