मुंबई, (वार्ता) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को इंजीनियरिंग, मेडिकल और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए विद्यार्थियों को जाति प्रमाण पत्र जमा करने हेतु छह महीने का समय देने का फैसला लिया।
अब विद्यार्थियों को वर्ष 2024-25 के लिए इंजीनियरिंग, मेडिकल और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में आवेदन दाखिल करने की तारीख से छह महीने के अंदर जाति प्रमाण पत्र दाखिल करना होगा। प्रमाण पत्र प्राप्त करने में विशेष रूप से मराठा समुदाय के छात्रों के सामने आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों (एसईबीसी) 2024 के लिए आरक्षण अधिनियम 20 फरवरी को एक विशेष सत्र में सर्वसम्मति से पारित किया गया था। इस अधिनियम के अनुसार, राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश और सरकारी तथा अर्ध-सरकारी नौकरियों में सीधी सेवा भर्ती के पदों में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। इसका मुख्य रूप से मराठा समुदाय को लाभ हुआ है। एसईबीसी अधिनियम का लाभ लेने वाले छात्रों को जाति वैधता प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। इसके कारण एसईबीसी छात्र जाति वैधता प्रमाण पत्र जमा करने के लिए विस्तार की मांग कर रहे थे। इस मांग पर सकारात्मक विचार करते हुए मुख्यमंत्री शिंदे ने वैधता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने के बाद प्रमाण पत्र जमा करने की समय सीमा को छह महीने तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।