व्हीएफजे में बने आधुनिक 11 एमपीवी वाहन सेना की ताकत बढ़ाने रवाना
जबलपुर। वाहन निर्माणी जबलपुर (व्हीएफजे) द्वारा सेना की ताकत बढ़ाने 11 और माइंस प्रोटेक्टिव व्हीकल तैयार कर लिए गए। एमपीवी वाहनों के प्राप्त उत्पादन लक्ष्य को समय पर पूरा करते हुए अंतिम 11 वाहनों को व्हीएफजे के मुख्य महाप्रबंधक संजीव कुमार भोला ने रविवार को हरी झंडी दिखाकर रवाना कर दिया है। एमपीवी वाहनों की वैसे तो ढेरों खूबियां हैं लेकिन विशेष तौर से यह आधुनिक वाहन सुरक्षा कवच का काम करता है और सैनिकों को बारूदी सुरंगों से बचाव में कारगर है। इसके साथ ही दुश्मन अगर गोलियों की बौछारें भी करे, तो बुलटपू्रफ शीशा इसमें कवच बनते हैं ऐसे मेें अब हमारे सैनिक पूरी तरह से दुश्मनों की सुरंगों, गोलियों की बौछारें से सुरक्षित होंगे।
121 वाहनों का था ऑर्डर, 110 की खेप पूर्व में रवाना-
विदित हो कि वाहन निर्माणी जबलपुर (वीएफजे) में पिछले वित्तीय वर्ष में मिली डिमांड के तहत माइंस प्रोटेक्टिव व्हीकल (एमपीवी) के उत्पादन का लक्ष्य समय पर पूरा कर लिया गया है। कुल 121 वाहनों का ऑर्डर व्हीएफजे को मिला था जिनमें से 110 वाहनों की खेप पूर्व में रवाना की जा चुकी थी।
अपग्रेड व्हीकल भी हैंडओवर
केंद्रीय सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) को 11 और एमपीवी देना शेष रह गया था। यह 11 अपग्रेड व्हीकल है। डिमांड पर इसे और अपग्रेड किया गया है। जिन्हें भी तैयार करने के बाद मुख्य महाप्रबंधक संजीव कुमार भोला ने रविवार को हरी झंडी दिखाकर रवाना कर दिया है। विदित हो कि पिछले माह सीआरपीएफ टीम ने व्हीएफजे का दौरा कर वाहनों की तैयारियों का जायजा लिया था।
यह हैं खूबियां-
एमपीवी वाहन में अनेक खूबियां हैं। जमीन में बिछी बारूदी सुरंग से यदि यह वाहन गुजर जाए, तो उसमें सवार सैनिकों को नुकसान नहीं होता या फिर अपेक्षाकृत कम होता है। यह कई किलो बारूद के विस्फोट को सहन कर सकता है। दुश्मन गोलियों की बौछार करे, तो बुलटपू्रफ शीशा इसमें कवच बनते हैं। जवाबी फायरिंग के लिए पोर्ट भी बने हैं।