बंगलादेश में आरक्षण विरोध और तेज होने से छह और लोगों की मौत, 150 से अधिक घायल

ढाका, (वार्ता) बंगलादेश में गुरुवार को आरक्षण विरोधी प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच व्यापक झड़पों में छह और लोगों की मौत हो गई और 150 से अधिक घायल हो गए।

आंदोलनकारियों की ओर आहूत “पूर्ण बंद” के दौरान राजधानी ढाका और देश के बाकी हिस्सों के बीच रेल और संचार संपर्क टूट गया।

इस महीने की शुरुआत में शुरू हुए विरोध-प्रदर्शनों के कारण हुई झड़पों में मरने वालों की संख्या अब 12 हो गई है।
इसके अलावा देश भर में सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।

मीडिया रिपोर्टों में कहा गया कि प्रदर्शनकारियों में मुख्य रूप से छात्र शामिल हैं और वे बंगलादेश में सिविल सेवाओं और सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं।

उन्होंने बसों और एक सरकारी टेलीविजन स्टेशन में आग लगा दी और मेट्रो रेल सेवाओं को बाधित कर दिया, जबकि सरकार ने बातचीत की पेशकश की है।

कानून मंत्री अनीसुल हक ने जातीय संगसद (संसद) के परिसर में पत्रकारों से कहा, “सरकार आरक्षण विरोधियों के साथ बातचीत करने पर सहमत हो गई है।
” ढाका में हिंसा भड़कने के साथ ही देश भर में प्रदर्शनकारियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच हिंसक झड़पों की खबरें है।

द डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, ढाका में, उत्तरा में कम से कम चार लोग मारे गए, सावर में एक छात्र की मौत हो गई और आरक्षण विरोधी प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प के दौरान बड्डा-रामपुरा इलाके में एक व्यक्ति की मौत हो गई।
इसके अलावा यहां 100 से अधिक अन्य घायल हो गए, जिनमें अधिकतर निजी विश्वविद्यालय के छात्र है।

छात्रों ने देश भर में सुबह से शाम तक “पूर्ण बंद” आहुत किया था, जिसके चलते लोगों में भय व्याप्त हो गया और ढाका के कुछ हिस्सों में सड़कें सुनसान पड़ी रही।

राजधानी के धानमंडी इलाके में स्कूल-कॉलेज के छात्रों और कानूनगो के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।

राजधानी ढाका से करीब 250 किलोमीटर दूर चट्टोग्राम शहर के बहाद्दरहाट में उग्र छात्रों पर काबू पाने के लिए पुलिस ने रबर की गोलियां और आंसू गैस के गोले दागे।

ढाका से लगभग 330 किलोमीटर दूर दिनाजपुर शहर में, कोटा प्रदर्शनकारियों और देश की सत्तारूढ़ अवामी लीग और उसकी छात्र शाखा छात्र लीग के कार्यकर्ताओं के बीच छिटपुट झड़पों के दौरान 50 लोग घायल हो गए।

ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच, देश के अधिकांश हिस्सों के साथ ढाका का रेल संपर्क टूट गया क्योंकि छात्रों ने यहां मोहखाली लेवल क्रॉसिंग को अवरुद्ध कर दिया।

ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने मीरपुर 10 में एक पुलिस बॉक्स में आग लगा दी, जिससे पल्लाबी से शेवरापारा तक ढाका मेट्रो रेल सेवाएं बाधित हो गईं।

पुलिस बॉक्स आग की लपटों में घिर गया, जो तेजी से फैल रही थी और घटनास्थल से घना धुआं निकल रहा था।

प्रदर्शनकारी छात्रों ने यहां रामपुरा में सरकारी बांग्लादेश टेलीविजन (बीटीवी) केंद्र को आग लगा दी, जबकि दिनाजपुर जिले में अवामी लीग के दो कार्यालयों में तोड़फोड़ की गई।

प्रदर्शनकारियों को अवामी लीग के दो कार्यालयों में आग लगाने से रोकने की कोशिश में कम से कम पांच से छह पुलिसकर्मी घायल हो गए।

नटोर में प्रदर्शनकारियों और छात्र लीग कार्यकर्ताओं के बीच झड़प में पांच पुलिस कर्मियों सहित छह घायल हो गए।

‘द डेली स्टार’ के अनुसार, राज्य के दूरसंचार और आईसीटी मंत्री जुनैद अहमद पलक ने कहा, मौजूदा स्थिति को देखते हुए, सरकार ने देश में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया है।

बंगलादेश में यूरोपीय संघ के निवर्तमान राजदूत चार्ल्स व्हाइटली ने वर्तमान स्थिति के शीघ्र समाधान का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, “ बंगलादेश के सभी मित्र और साझेदार वर्तमान स्थिति का त्वरित समाधान और आगे की हिंसा और रक्तपात से बचना चाहते हैं।

यहां अमेरिकी दूतावास ने ढाका और देश भर में रहने वाले अपने नागरिकों के लिए “प्रदर्शन अलर्ट” जारी किया है और कहा है कि स्थिति बेहद अस्थिर है।

देश में अशांति एक जुलाई को उस समय शुरू हुई, जब विश्वविद्यालय के छात्र सरकारी नौकरियों में आरक्षण खत्म करने की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए।

पिछले महीने हाई कोर्ट ने उस नियम को बहाल किया जो 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ देश के मुक्ति संग्राम में भाग लेने वाले लोगों के बच्चों और पोते-पोतियों के लिए 30 प्रतिशत पदों पर आरक्षण का प्रावधान करता है।

रिपोर्टों के अनुसार, उच्च बेरोजगारी दर वाले दक्षिण एशियाई राष्ट्र में अब लगभग 56 प्रतिशत सरकारी नौकरियां नागरिकों की विभिन्न श्रेणियों के लिए आरक्षित हैं।

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