दो बस्ती और चार पाश कॉलोनी के होंगे खसरा नंबर दर्ज
इंदौर: इंदौर का रेसीडेंसी क्षेत्र अब रेसीडेंसी गांव के नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज हो जाएगा। इसके लिए अगले हफ्ते से कंप्यूटर पर रेसीडेंसी का खसरा , खतौनी और नक्शा दिखाई देगा।बताया जाता है कि खसरे के नंबर एक से शुरू होकर 1500 से ज्यादा होंगे। प्रशासन ने रेसीडेंसी एरिया की गूगल और सर्वे से नपती की है , जिसमें 731 एकड़ जमीन है। उक्त 731 एकड़ में दो बस्ती और चार पाश कॉलोनियां पाई गई है।
इंदौर का रेजीडेंसी एरिया आश्चर्य जनक रूप से प्रशासन के राजस्व रिकार्ड में शामिल ही नहीं था। यहां पर दो बड़ी और चार कॉलोनियां बस गई, लेकिन खसरे पर एक भी जमीन मालिक का नाम दर्ज नहीं है। यानि कि प्लॉट नं है , लेकिन किस खसरे और पटवारी नक्शे पर है ये नहीं है, सिर्फ रेसीडेंसी एरिया अंकित था।प्रशासन ने रेसीडेंसी एरिया को खसरा , खतौनी और नक्शे पर लेने के लिए पूरे क्षेत्र की नपती और जमीन पर काबिज लोगों की सूची बनाई है। इसके बाद खाली जमीनों की अलग सूची और वर्तमान में मौके पर क्या निर्माण है ,उसी आधार पर रेसीडेंसी का नक्शा तैयार करवाया है। पूरे रेसीडेंसी एरिया का सीमांकन कर पता लगाया कि 731 एकड़ जमीन है। अगले एक महीने में रेसीडेंसी एरिया
रेसीडेंसी गांव के नाम से रिकॉर्ड ऑफ राइट्स के तहत खसरे में इंट्री का काम राजस्व विभाग कर देगा। मतलब यह कि एक महीने बाद रेसीडेंसी गांव की खसरे के अनुसार जमीन मालिक की डिटेल्स और कब्जे की जानकारी शासन के पोर्टल पर उपलब्ध होगी।