कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की आत्मा और रीढ़: चौहान

नयी दिल्ली 16 जुलाई (वार्ता) केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि को भारतीय अर्थव्यवस्था की आत्मा और किसान को रीढ़ करार देते हुए कहा कि देश में सीमांत किसानों और छोटी जोत के किसानों के लिए “मॉडल फॉर्म ” बनाने की ज़रूरत है।

श्री चौहान ने मंगलवार को यहां 96वें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) स्थापना एवं प्रौद्योगिकी दिवस 2024 का उद्घाटन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। किसान एवं खेती प्रधानमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता है। कृषि विविधिकरण से किसानों की खेती में आय बढ़ाना संभव है और सरकार इसी संकल्प के साथ काम कर रही हैं।

इस अवसर पर केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी एवं राम नाथ ठाकुर, केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी तथा अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन और केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी तथा पंचायती राज मंत्रालय राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल और सचिव (कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग) एवं महानिदेशक (आईसीएआर) हिमांशु पाठक भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर फसलों की 25 किस्में जारी की गयी और कुछ उत्पाद किसानों को समर्पित किये गये।

कार्यक्रम में वैज्ञानिकों को भी सम्मानित किया गया। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के कई प्रकाशन का विमोचन भी किया गया।

श्री चौहान ने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित बनाने में कृषि और कृषि संबंधित क्षेत्र ही महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।

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