बागली-बारिश का मौसम जैसे-जैसे रफ्तार पकड़ रहा है वैसे-वैसे बागली क्षेत्र के आसपास जंगलों में हरियाली बढ़ने लगी है। क्षेत्र का प्रसिद्ध बरझाइ घाट सैलानियों को विशेष रूप से लुभा रहा है हालांकि पर्याप्त वर्षा नहीं होने से वर्तमान में झरने शुरू नहीं हुए हैं। लेकिन फिर भी छुट्टी के दिनों में बड़ी संख्या में लोग परिवार सहित इस स्थान पर घूमने आ रहे हैं। विशेष कर सिपाही खोदरा नामक स्थान पर आसानी से पहुंच मार्ग वाले रास्ते पर झरना और गहरी खाई को देखने के लिए सैलानी आते हैं। मौसम के अनुरूप घाट में कई स्थानों पर अमेरिकन भुट्टे की दुकान लग गई है। यह लोग प्राकृतिक रूप से लकड़ी और कोयले से भुट्टे सेकतेते नजर आते हैं। पद्धति को देखकर ही मन ललचा लगता है और परिवार के सदस्य रुक कर बरझाइ के घाट में गरम-गरम भुट्टे खाने का लुक तो उठाते हैं। पुंजापुरा के नजदीक पारस बाधं भी सैलानियों की पहुंच में है इसलिए अधिकतर लोग पूरा दिन आनंद में बिताने के लिए इस स्थान पर भी पहुंच जाते हैं। घाट में लगी दुकानों पर डिजिटल क्रांति आसानी से देखी जा सकती है। यहां पर लगी भुट्टे की दुकानों पर भी क्यूआर कोड लगा हुआ है भले ही यहां पर सिग्नल की समस्या हो लेकिन जब भी सिग्नल मिलते हैं तो यह सुविधा भी यहां पर उपलब्ध है। यहां पर भुट्टे बेचने वाले दंपत्ति ने बताया कि वर्तमान में बाजार में अमेरिकन भुट्टे 10से 12रु प्रति नग के हिसाब से मिलने के कारण वह भी₹20 प्रति नग दे रहे हैं। जिसमें उनकी मजदूरी भी शामिल रहती है। रोजगार छोटा जरूर है लेकिन सैलानियों की बढ़ती संख्या में इन लोगों का खर्च निकल जाता है और थोड़ी बहुत आमदनी भी हो रही है।
बारिश के दिनों में कई प्रकार के जानवर यहां आसानी से देखे जा सकते हैं जिनमें बंदर मोर हिरण नीलगाय नेवले खरगोश आदि शामिल है कभी कभार टाइगर भी इस क्षेत्र में दिख जाता है। जैसे-जैसे बारिश अपने मजबूत दौर में पहुंचेगी वैसे-वैसे सैलानी यहां पर बढ़ने लगेंगे।