आईसीएआई का दीक्षान्त समारोह – इंदौर मे 310 और देशभर के 13 केंद्रों मे 10000 नए सीए सदस्यों ने लिया सर्टिफिकेट

इंदौर :सीए संस्थान की 1नवंबर 23 से 15 जून 24 के बीच मेंबरशिप लेने वाले करीब 310 सदस्यों को दिशान्त समारोह में उपाधि प्रदान की गयी। कार्यक्रम देशभर के 13 केंद्रों पर लाइव चला जिसमें मुख्य अतिथि के रूप मे सीए श्री टी वी मोहनदास पाई, आईसीएआई प्रेसिडेंट रंजीत अग्रवाल, वाइस प्रेसिडेंट चरणजोत सिंह नंदा सम्मिलित हुए।श्री पाई ने कहा कि कभी भी सीखने की भूख खत्म नहीं होना चाहिये, सीखने की ललक निश्चित सफलता और प्रगति दिलाती है। टेक्नोलॉजी इसका श्रेष्ठ उदहारण है जो लगातार सीखता है वही सफल होता है।

सीए संस्थान के पूर्व प्रेसिडेंट सीए मनोज फडनिस ने कहा कि सीए संस्था विश्व की सबसे बड़ी लेखाकार संस्था है। भारत के सीए के लिए वैश्विक बाजार में कई बड़े अवसर है। सीए कोर्स में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम विश्व के मानदंडों के अनुसार बनाया गया है जिससे कि भारतीय सीए की हर जगह काफी मांग है। उन्होंने नए सदस्यों को वैश्विक पटल पर नए मौके ढूंढने के लिए प्रेरित भी किया।

इंदौर से सेंट्रल काउंसिल मेम्बर सीए केमिशा सोनी ने कहा कि इंस्टिट्यूट आफ चार्टड एकाउंटेंट्स को भारत के पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजी अब्दुल कलाम ने “पार्टनस इन नेशन बिल्डिंग’ कहा था एवं माननिय प्रधानमंत्री मोदी जी ने सीए को “अर्थ मुनि” की संज्ञा दी है। हमें एक चार्टर्ड एकाउंटेंट होने के नाते 3E पर ध्यान देना चाहिये – एजुकेशन, एक्सीलेंस और एथिक्स। हमारे संस्थान के यह आधार स्तम्भ है एवं प्रत्येक सदस्य से यह अपेक्षित होता है कि वह सभी कार्य आईसीएआई द्वारा स्थापित मानकों के अनुरूप ही करें।

सीए कीर्ति जोशी ने कहा की भारत अगर इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो वर्ष 2026 तक भारत विश्व की चौथी बडी अर्थव्यवस्था बन जायेगा। इस दौरान सीए को एक बहुत बड़ी जवाबदारी निभानी होगी क्योंकि हम सभी आने वाले हमारे सपनों के भारत के निर्माण में सहभागी है।
देश की प्रगति मे महत्तवपूर्ण योगदान महिलाओ का रहेगा क्युकि अन्य देशों की तुलना मे भारत मे महिलाओ का योगदान बहुत कम है। उन्होंने फ्रेंड, फैमिली और फिटनेस पर ध्यान देने की सलाह दी।

इंदौर शाखा के अध्यक्ष सीए अतिशय खासगीवाला ने कहा एक व्यक्ति पैसा तो बड़ी आसानी से कमा सकता है और उस पैसे का सदुपयोग कैसे किया जाए और अपना अर्थ तंत्र कैसे मजबूत किया जाए उसके लिए सीए का होना बहुत जरूरी है और यह हमारे लिए गर्व का विषय होना चाहिए कि जब भी व्यक्ति वित्तीय रूप से मजबूत होता है तो उसको मार्गदर्शन के लिए सीए का होना ज़रूरी हो जाता है। उन्होंने कहा कि हमें असफलता से सीख लेकर सफलता का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए, असफल होने पर कठिन प्रयास से सफलता हासिल होती है, और यहां कई सीए ऐसे है जिन्होंने 2 से भी अधिक बार असफल होकर अब सफलता हासिल की।

इस अवसर पर सेंट्रल काउंसिल मेंबर सीए अभय छाजेड ने भी संबोधित किया। सभी नए चार्टर्ड एकाउंटेंट सदस्यों को अपने परिवार जनों के साथ मंच पर आकर उपाधि लेने का मौका मिला। आईसीएआई के पूर्व अध्यक्ष सीए मनोज फडनिस, काउंसिल सदस्य केमिशा सोनी, सीए अभय छाजेड, सीए कीर्ति जोशी, सीए अतिशय खासगीवाला, सीए आनंद जैन, सीए मौसम राठी ने उपाधि दी।कार्यक्रम का संचालन सचिव सीए अमितेश जैन ने किया एवं आभार सीए रजत धनुका ने माना। सीए स्वर्णिम गुप्ता, सीए आदित्य श्रीवास्तव, सीए नितिन अग्रवाल, सीए हर्ष फिरोदा आदि सम्मिलित हुए।

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