नलखेड़ा, 26 मई. नौतपा के पहले दिन से ही सूर्य अपने तेवर दिखा रहा है. दूसरे दिन याने रविवार को दिन का पारा इस सीजन का सर्वाधिक 45 डिग्री रिकॉर्ड किया गया. भीषण गर्मी से बचने के लिए लोग दिनभर जतन करते दिखाई दिए. बाजारों में भी लोग न के बराबर नजर आए.
उल्लेखनीय है कि लगभग पूरे सप्ताह 45 से 46 डिग्री तक तापमान आगामी पूरे रोहिणी नक्षत्र में भी अपने उच्चतम स्तर पर रहने स्थिति में है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान अनुसार फिलहाल तापमान में कमी की कोई गुंजाइश नहीं है. 28 मई तक लगातार लू चलने का अलर्ट जारी किया गया है. साथ ही अत्यधिक तापमान रहने का भी अनुमान लगाया जा रहा है. वहीं डॉक्टर के अनुसार सभी से सेहत का ध्यान रखने की अपील की गई है और अनावश्यक कार्यों से दोपहर के समय घर से बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी गई है. हालांकि रोहिणी नक्षत्र में हमेशा भरपूर गर्मी पड़ती आई है. किसानों का मानना है कि इस समय गर्मी पडऩे से खेत अच्छे से तैयार होते हैं और इसी से मानसून की तैयारी में किसान जुट जाते हैं. इसी दरमियान किसान खेतों में खाद और उर्वरक सामग्री इत्यादि डालना शुरू कर देते हैं.
अब तापमान में बढ़ोतरी के आसार
भले ही नौतपा के पहले दिन अधिकतम तापमान पिछले एक सप्ताह की तरह ही रहा, लेकिन आगामी दिनों में 45 डिग्री के पार तक पहुंचने की संभावना है, जिसको लेकर मौसम विभाग ने पिछले दिनों 28 मई तक का हीटवेव का येलो अलर्ट भी जारी किया था. इसके बाद फिर आंधी-बारिश की संभावना बन रही है, जिससे तापमान में हल्की गिरावट आएगी, लेकिन गर्मी से राहत के आसार कम ही रहेंगे.
बिजली की आंख मिचौली से लोग परेशान
नौतपा की बढ़ती गर्मी और तपती धूप से लोग हलाकान हो रहे हैं. वहीं दूसरी ओर बिजली की आंख मिचोली से लोग परेशानी और बढ़ा दी है. गर्मी बढऩे के साथ ही बिजली की आंख मिचौली नगर क्षेत्र में बढ़ती जा रही है. बिजली के झटके उपभोक्ताओं को परेशान करने लगे हैं. विद्युत वितरण विभाग द्वारा क्षेत्र को दो भागों में बांटकर बिजली सप्लाई की जाती है. एक तरफ लाइट रहती है, तो दूसरी तरफ आधे उपभोक्ता बिजली बंद रहने से परेशान रहते हैं. उपभोक्ता अघोषित बिजली कटौती से लोग परेशान हैं. अघोषित कटौती से लोगों को दिन व रात में चैन नहीं मिल रहा है. साथ ही अघोषित कटौती से पानी का संकट भी बढ़ता जा रहा है. गर्मी के साथ बढ़ रहे बिजली संकट को लेकर लोगों में आक्रोश है. गर्मी में बिजली बंद होने की शिकायतें बढ़ रही है.