जबलपुर: मप्र हाईकोर्ट से सेवानिवृत्त पुलिस कर्मी को राहत मिली है। जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने गलत वेतन पुनर्निधारण जुड़े मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्याय दृष्टांतो के अंडरटेकिंग के दौरान सेवानिवृत्त कर्मियों से रिकवरी नहीं की जा सकती को मद्देनजर रखते हुए याचिकाकर्ता के विरुद्व जारी रिकवरी आदेश निरस्त कर दिया है। एकलपीठ ने रिकवरी राशि छह फीसदी ब्यॉज के साथ लौटाने के निर्देश देते हुए इसके लिये डेढ़ माह में करने के निर्देश दिये है। एकलपीठ ने याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन का निराकरण हाईकोर्ट द्वारा एक प्रकरण में दिये गये फैसले के आधार पर करने के निर्देश दिये है।
यह मामला बैतूल निवासी रिटायर्ड हेड कांस्टेबल राजबन गोस्वामी की ओर से दायर किया गया है। जिसमें कहा गया कि वे 30 अप्रैल 2023 को हेड कांस्टेबल के पद से सेवािनवृत्त हुआ था। सेवानिवृत्ति के बाद अतिरिक्त भुगतान का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता के खिलाफ 5 लाख 69 हजार रुपए की रिकवरी निकाल दी। इसके अलावा 56.918 रुपए की जीपीएफ की राशि भी रोक ली गई। आवेदक की ओर से कहा गया कि इस संबंध में विभाग के संबंधित अधिकारी को अभ्यावेदन दिया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिस पर हाईकोर्ट की शरण ली गई। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने सुकों व हाईकोर्ट के न्याय दृष्टांत के तहत आवेदक के अभ्यावेदन का निराकरण करने के निर्देश दिये। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विकास महावर ने पक्ष रखा।