बहुमंजिला इमारतों में आग से बचाव जांचने की मुहिम पड़ गई ठंडी

शहर में फायर फाइटिंग सिस्टम लगाने वाली कंपनियों की है कमी
हरदा कांड के बाद चेता था प्रशासन
वीरेंद्र वर्मा
इंदौर: इंदौर में आग से बचाव के संसाधन जांचने का मामला फिलहाल ठंडा पड़ गया है। इसका कारण यह है कि शहर में फायर सिस्टम लगाने वाली कंपनिया बहुत कम है। दूसरी वजह यह है कि शहर में दस हजार से ज्यादा तीन मंजिला भवन है , सबको नोटिस देने के लिए नगर निगम और प्रशासन के अमला नहीं है। इसके लिए पूरे शहर के मल्टी वालों को प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सूचना दी गई थी। उसका समय खत्म होते ही कार्यवाई शुरू कर कुछ बहुमंजिला इमारतों को सील किया गया था।
इंदौर जिला प्रशासन ने हरदा अग्निकांड के बाद शहर में तीन मंजिल से ज्यादा ऊंचे भवनों और बहुमंजिला इमारतों में फायर फाइटिंग सिस्टम लगे है या नहीं? इसकी जांच करने के कलेक्टर ने आदेश दिए थे। पूरे शहर के अलग – अलग क्षेत्रों में एडीएम के साथ नगर निगम का अमले ने जांच शुरू की थी। ज्यादातर इमारतों में फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं लगे थे और कहीं लगे मिले भी तो बंद पड़े थे।
पंद्रह दिन की जांच में यह बात निकल कर सामने आई कि दस हजार से ज्यादा इंदौर में ऐसे भवन है। इनको व्यक्तिगत नोटिस देना संभव नहीं है । इसके एवज में प्रशासन ने अखबार और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रेस विज्ञप्ति निकलवा कर सभी को सूचित किया । फायर फाइटिंग सिस्टम लगाने और ठीक करवाने के लिए एक महीने का समय दिया। उसके बाद दूसरी बार सात दिन का समय देकर कार्यवाई शुरू की।नगर निगम और जिला प्रशासन ने संयुक्त दल बना कर पहले चरण में एक सौ सत्रह बिल्डिंगों की जांच की। उसमें से नौ बिल्डिंगों को सील किया गया था। उसके बाद जिला प्रशासन और निगम की यह मुहिम दूसरी मुहीमों के कारण ठंडी पड़ गई।
हरदा अग्निकांड से जागा प्रशासन
हरदा में मई में अवैध फटाका फैक्ट्री में भीषण आग लग गई थी। इस आग के धमाके कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दिए। मृतकों की संख्या तो आज भी पहेली बड़ी हुई है। अधिकृत आंकड़े 28 लोगों के बताए गए थे , लेकिन वास्तविकता में सैकड़ों लोगों के मारे जाने की चर्चा थी।
उक्त घटना के बाद इंदौर कलेक्टर आशीषसिंह ने तुरंत शहर और शहर के आस पास फटाका गोडाउन को सील कर खाली करवाया । इसके बाद भी आंबचंदन के गोडाउन में आग लगी थी , जिसमें एक व्यक्ति की मौत होने सूचना मिली थी।
बताया जाता है कि इस साल गर्मी ज्यादा होने शहर में भी कई स्थानों पर आग लगी थी। लंबे समय बाद फायर ब्रिगेड को जगह जगह दौड़ना पड़ा था।
ऐसे मालूम किया निगम ने बहुमंजिला इमारतों को
नगर निगम ने शहर में दस हजार से ज्यादा बहुमंजिला इमारतों का आंकड़ा गूगल सर्च से प्राप्त किया। इसके बाद ऑनलाइन सर्वे के माध्यम से जानकारी निकाली। जानकारी के आधार पर कार्यवाही की ,जो अभी सुस्त पड़ गई है।
फायर फाइटिंग सिस्टम लगाने वाली कंपनियों की कमी – गुजरात , महाराष्ट्र की तरह मध्यप्रदेश के शहरों में फायर फाइटिंग सिस्टम लगाने वाली कंपनियों की कमी है। आज भी शहर के बाहरी इलाकों और बड़ी बहुमंजिला इमारतों में अहमदाबाद, मुंबई,दिल्ली हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे शहरों की कंपनियां इंदौर आकर फायर सिस्टम लगा रही है। यहां फायर सिस्टम लगाने वाली कंपनियों की कमी है या फिर वो मानक स्तर की नहीं है।
क्या कहते हैं ज़िम्मेदार.
नगर निगम के सहायक आयुक्त विनोद मिश्रा ने बताया आग से बचाव और अवेयरनेस को लेकर जगह – जगह मॉक ड्रिल करके जागरूकता लाने की कोशिश की जा रही है। विज्ञप्ति के माध्यम से नोटिस जारी किए है। उसका परिणाम यह है कि पहले महीने में दस से बारह अनुमतियों के आवेदन आते थे। अब पैतीस से चालीस आवेदन एनओसी , रिवीजन और नए फायर सिस्टम लगाने के आ रहे है।

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