ग्वालियर। मध्यप्रदेश की मोहन सरकार का बजट पेश होने के बाद चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री के अध्यक्ष डॉ प्रवीण अग्रवाल ने इसे मिश्रित बजट बताया है। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार को बजट में व्यापारियों के ऊपर लगने वाला प्रोफेशनल टैक्स स्टाम्प ड्यूटी में समीपवर्ती प्रदेशों से तुलनातामक कमी कर पेट्रोल डीजल को जीएसटी में लाने की पहल करनी चाहिए थी। जिसका बजट में अभाव देखने को मिला है, जो व्यापारियों की निराशा वाला पक्ष है।
वहीं बजट में ग्वालियर में पीएम ई-बस योजना के तहत बस संचालित किए जाने तथा सरसों अनुसंधान संस्थान की स्थापना सहित एक कॉलेज को पीएमश्री एक्सीलेंस कॉलेज में परिवर्तित किए जाने की घोषणा का मप्र चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री ने स्वागत किया है। चेम्बर अध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल, संयुक्त अध्यक्ष हेमन्त गुप्ता, उपाध्यक्ष डॉ. राकेश अग्रवाल, मानसेवी सचिव दीपक अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव पवन कुमार अग्रवाल एवं कोषाध्यक्ष संदीप नारायण अग्रवाल ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि राज्य बजट में पेट्रोल-डीजल पर वेट की दर को पड़ौसी राज्यों के समान नहीं किए जाने, स्टॉम्प ड्यूटी जो कि अत्याधिक है, उसे कम किए जाने की घोषणा नहीं किए जाने एवं प्रोफेशनल टैक्स को समाप्त किए जाने की घोषणा नहीं किए जाने सहित एमएसएमई इकाईयों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से म.प्र. सरकार द्वारा लागू की गई एमएसएमई प्रोत्साहन योजना-2021 के तहत धनराशि का आवंटन नहीं किए जाने से व्यापार एवं उद्योगजगत को निराशा हाथ लगी है। जबकि चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा बजट पूर्व प्रेषित किए गए अपने माँग-पत्र में इन चारों माँगों को प्रमुखता के साथ प्रस्तुत किया गया था।