चकमा देने लेन्टाना की झाड़ियों का ले रहे सहारा
सीसीएफ, डीएफओ ने प्रभावित क्षेत्र में डाला डेरा
अनूपपुर। 17 दिनों पूर्व छत्तीसगढ़ से आए दो प्रवासी नर हाथियों का समूह तीन दिनों से निरंतर पश्चिम बंगाल के हुल्ला पार्टी दल द्वारा किए जा रहे निरंतर प्रयास के बाद भी वापस जाने को तैयार नहीं है। हुल्ला पार्टी के भगाए जाने के निरंतर प्रयास के बाद तेजी से भाग कर गोबरी एवं अन्य जंगलों में बड़े पैमाने पर लगे बड़ी – बड़ी लेन्टाना की झाड़ियों की ओट लेकर अलग – अलग होकर छुप जाते हैं। सोमवार एवं मंगलवार की दोपहर से लेकर देर शाम तक हाथियों को सीमा क्षेत्र से वापस किए जाने का निरंतर प्रयास किया गया लेकिन दोनों हाथी अलग-अलग होकर अपने पूर्व छिपने, रहने के स्थल के समीप आकर विचरण करते रहे। इस बीच सोमवार को एक हाथी वन परिक्षेत्र एवं थाना अनूपपुर के दुधमनिया बीट अंतर्गत ग्राम पंचायत पगना के वार्ड नंबर 9 बरटोला में एक ग्रामीण के घर रात दो बजे के लगभग अचानक धाबा बोलकर घर में तोड़फोड़ करते हुए अंदर रखे अनाज को अपना आहार बनाया। अचानक हाथी के प्रवेश करने की आहट पाकर ग्रामीण का परिवार भाग कर दूर चले जाने से बाल-बाल बच सका। हाथियों को जिले से बाहर किए जाने के प्रयास पर शहडोल वन के वृत के मुख्य वन संरक्षक एलएल उईके, वन मंडलाधिकारी अनूपपुर श्रद्धा पेन्द्रे के साथ जैतहरी, अनूपपुर एवं जिले के अन्य रेन्जों के वन अधिकार, कर्मचारी, सुरक्षा श्रमिक, ग्रामीण, विगत दो दिनों से गोबरी, ठेंगरहा, पंगना, बेलियाकछरा आदि क्षेत्र में जो दोनों प्रवासी हाथियों का विचरण क्षेत्र है में डेरा जमाए हुए हैं। सोमवार की मध्य रात से दोनों हाथी अलग-अलग होकर दुधमनिया, गोबरी के जंगल में लेन्टाना के बीच अपने को छिपा कर ठहर कर विचरण कर रहे थे। पूरे दिन ग्रामीण, वनरक्षकों, सुरक्षा श्रमिकों, हाथी मित्र दल सदस्यों के साथ खोजा जा रहा है।