समय के साथ बूढ़ा होता जा रहा शास्त्री ब्रिज

जबलपुर: शहर का सबसे पुराना और व्यस्त शास्त्री ब्रिज अब जर्जर हो चला है। महानद्दा मदन महल, गढ़ा को शहर के राईट टाऊन तीन पत्ती और बाकी बचे इलाकों से जोडऩे वाला शास्त्री ब्रिज अब बूढ़ा हो चला है। शास्त्री ब्रिज से जब भी कोई वाहन निकलता है तो यह ब्रिज भी वाहनों के दबाव से कॉंप उठता है। ब्रिज की दीवारें जगह-जगह से टूट रही हैं। सीलिंग का प्लास्टर भी उधडऩे लगा है। शास्त्री ब्रिज को मरम्मत कर एक और वैकल्पिक ब्रिज की दरकार है। लेकिन वर्षों से भेजे प्रस्ताव पर अवसरों को सहमति नहीं मिली हे। जिसके चलते इस ब्रिज पर दिन व दिन ट्रैफिक का दबाव बढ़ता ही जा रहा है। जानकारों कि मानें तो पिछले दो-तीन सालों से इस ब्रिज पर सामान्य से चार गुना ज्यादा यातायात का दबाव  बढ़ गया है। हर दिन इस ब्रिज से हजारों की संख्या में वाहनों की आवाजाही होती है। जिसमें छोटे- बड़े दोनों वाहन शामिल हैं। ऐसे में अगर जल्द ही इस ब्रिज की मरम्मत नहीं हुई तो कोई भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है।
 छह दशक पुराना है ब्रिज
शहर के पहले शास्त्री ब्रिज का निर्माण सन् 1960 में किया गया था, और इसका उदघाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने किया था। उन्हीं के नाम पर इस ब्रिज का नामकरण किया गया था। जिसका उपयोग करते हुए अब लगभग 65 वर्षों का समय बीत चुका है। जिसके चलते यह ब्रिज नए सिरे से देखरेख की मांग कर रहा है। इतना ही नहीं यातायात का दबाव कम करने लोक निर्माण विभाग ने डबल डेकर फ्लाईओवर निर्माण की योजना बनाई थी जिसकी लागत  तकरीबन 200 क रोड़ रूपये तय की गई थी। परन्तु यह प्रस्ताव सिर्फ फाइलों में धूल खा रहा है।
जर्जर हुआ पुल
शास्त्री ब्रिज की दीवारों पर दरार आ चुकी हैं। अधिक उम्र हो जाने  के कारण इन दीवारों पर झाडिय़ां उग आई है। इतना ही नहीं कुछ सालों पहले ब्रिज पर बनी  सीढिय़ों का एक ढांचा ढह गया था जिसकी अभी तक मरम्मत नहीं की जा सकी है, जो बरसात के समय खतरनाक साबित हो सकता है। आस-पास के लोगों ने इस ढांचे के पास झाडिय़ां लगा कर गड्ढ़ें को ढक दिया है। हालांकि इन सीढिय़ों से आना जाना नहीं होता है फिर भी इन तत्काल दुरूस्त करना चाहिए।
इनका कहना है
ब्रिज की आयु देखते हुए इसकी मरम्मत की जानी चाहिए। पास ही में धार्मिक स्थान है परंतु लोगों को आधा किमी घूम कर आना पड़ता है जिससे समय बर्बाद होता है। एक और ब्रिज बन जाए तो अच्छा होगा।
जितेंद्र त्रिपाठी

ब्रिज की देखरेख समय  समय पर की जाती है। रही बात डबल डेकर ब्रिज की तो मैं इसकी जानकारी लेकर ही कुछ बता पाऊँगी ।
प्रीति यादव , कमिश्नर, ननि

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