राज्य वक्फ प्राधिकरण को नहीं था सुनवाई का अधिकार

हाईकोर्ट ने 21 साल पूर्व पारित आदेश को किया निरस्त

जबलपुर। हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने राज्य वक्फ प्राधिकरण द्वारा 21 साल पूर्व पारित आदेश को निरस्त कर दिया है। एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि राज्य वक्फ बोर्ड को मामले की सुनवाई का अधिकार नहीं था।

भोपाल निवासी याचिकाकर्ता श्रीमती रबाब बाई की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि भोपाल स्थित कब्रिस्तान की जमीन, जिसे मदारवाडा के नाम से जाना जाता है, अपने नाम पर दर्ज करवाने के लिए मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड ने अतिरिक्त जिला न्यायालय के समक्ष आवेदन दायर किया था। न्यायालय ने प्रकरण को राज्य वक्फ न्यायाधिकरण को सुनवाई के लिए स्थानांतरित कर दिया था। न्यायाधिकरण ने सुनवाई करते हुए जुलाई 2001 को आदेश पारित किया था।

याचिका में कहा गया था कि राज्य वक्फ न्यायाधिकरण को उक्त मामला सुनने का अधिकार नहीं था। वक्फ अधिनियम 1995 के अनुसार पूर्व के प्रकरणों की सुनवाई राज्य वक्फ न्यायाधिकरण नहीं करेगा। राज्य वक्फ न्यायाधिकरण 1 जनवरी 1996 के बाद की सुनवाई करेंगा। एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि जिला न्यायालय ने संशोधित नियम 1994 के तहत प्रकरण स्थानातंरित करने के आदेश जारी किये थे। न्यायालय ने वक्फ बोर्ड 1995 के प्रावधानों को नहीं देखा। एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि राज्य वक्फ बोर्ड ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाते हुए आदेश पारित किया है। एकलपीठ ने जिला न्यायालय को प्रकरण की सुनवाई के निर्देश जारी किये है।

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