बिजुल नदी सूखी, मोरवा अंचल में पेयजल संकट

भीषण गर्मी का व्यापक असर, दर्जन भर टैंकरों के माध्यम से मोरवा जोन में की जा रही है जलापूर्ति

सिंगरौली : भीषण गर्मी का असर नदी, नालों एवं तालाबो सहित अन्य जल स्त्रोतों में व्यापक तौर पर दिखाई देने लगा है। आलम यह है कि भू-जल स्तर नीचे खिसकने से नदियां भी जवाब देने लगी हैं। मोरवा के समीपी बिजुल नदी का यही कहानी है।दरअसल बिजुल नदी से वृहद जल योजना के तहत मोरवा जोन में जलापूर्ति विगत कुछ सालों से किया जा रहा था। यहां रोजाना तकरीबन 54 लाख लीटर मोहल्लों, कस्बों में पानी की सप्लाई की जा रही थी। लेकिन गर्मी के चलते बिजुल नदी भी जवाब दे बैठी। आलम यह है कि बिजुल नदी का बैराज भी पानी से खाली हो गया है। जिसके चलते मोरवा जोन में भयावह पेयजल की स्थिति निर्मित हो गई थी।

पानी की सप्लाई पूरी तरह से बन्द होने पर रहवासियों में हाय तौबा मची हुई थी। हालांकि एक दर्जन टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही थी। लेकिन वह नाकाफी लग रही थी। पिछले दिनों ननि अध्यक्ष देवेश पाण्डेय ने ननि अधिकारियों के साथ बिजुल नदी का भ्रमण किया और नदी की साफ-सफाई कराये जाने के बाद रात भर में करीब 5 से 7 लाख लीटर पानी बैराज ब्रिज में जमा हो रहा है। जहां उक्त पानी की कुछ मोहल्लों में जल सप्लाई की जा रही है। फिर भी मोरवा अंचल के वार्ड क्रमांक 4 सीटीआई, वार्ड क्रमांक जद्दूडाड़ समेत अन्य मोहल्लों में अभी भी जल संकट से जूझ रहे हैं। यहां भी किसी तरह टैंकर के माध्यम से पानी की सप्लाई की जा रही है। बताया जाता है कि मोरवा जोन में पेयजल संकट अभी भी बरकरार है। पिछले पखवाड़े की तुलना में कुछ कमी आई है। ननि आयुक्त डीके शर्मा इस ज्वलंत समस्या को लेकर रोजाना मानिटिरिंग भी कर रहे हैं।

ननि अध्यक्ष ने लिया है जायजा
मोरवा जोन में पेयजल संकट गहराने की जानकारी मिलने पर नगर निगम सिंगरौली के अध्यक्ष देवेश पाण्डेय ने ननि अधिकारियों एवं पार्षदों के साथ बिजुल नदी पर बने बैराज पहुंच हालात का जायजा लिया। नदी पानी से खाली होने पर उन्होंने खुद आश्चर्य चकित रह गये और मौके पर मौजूद ननि अमले को निर्देशित किया कि सबसे पहले नदी की साफ-सफाई कराये। ताकि जहां पानी जमा हो वह उसका बहाव शुरू हो जाए। ननि अध्यक्ष के उक्त निर्देश के बाद बिजुल नदी की साफ-सफाई कराई गई। जहां अब रात भर में 5 से 7 लाख लीटर पानी बैराज में एकत्रित हो जा रहा है। अध्यक्ष ने यह भी कहा है कि जहां पर पानी की सप्लाई नल जल से नही हो पा रही है। वहां टैंकरों से जलापूर्ति की जाए। ताकि रहवासियों को जल संकट से सामना न करना पड़े।

मोरवा जोन में भी पानी की जमकर हुई बर्बादी
जब तक बिजुल नदी के बैराज में पर्याप्त मात्रा में पानी था। उस समय रोजाना तकरीबन 54 लाख लीटर वृहद नल जल से मोरवा जोन में सप्लाई किया जा रहा था। जैसे-जैसे बैराज का पानी घटता गया जलापूर्ति में कटौती की जाने लगी। हालात इस तरह बने की जब बैराज सूख गया तब मोरवा जोन में पानी की किल्लत मच गई। बताया जाता है कि इस क्षेत्र में सप्लाई के पानी में से करीब 50 फीसदी पानी की बर्बादी कई लोगों के द्वारा की जा रही थी। अब जब पेयजल पानी के लिए हाय तौबा मची तब लोगों को पानी के बर्बादी का दिन याद आने लगे। ननि के अधिकारी बताते हैं कि यदि पानी का दुरूपयोग न किया गया होता तो आज यह दिन देखने को न पड़ते। कहीं न कहीं इसके लिए मोरवा जोन के कई लोग दोषी हैं। समझाने बुझाने के बावजूद लोगबाग गंंभीरता से नही ले रहे हैं। अब कही कुछ गंभीर दिख रहे हैं।

इनका कहना
बिजुल नदी के सूखने से मोरवा जोन में जल संकट हुई है। इसकेे लिए वैकल्पिक व्यवस्था के तहत टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही है और बैराज से भी कुछ जगह पानी की सप्लाई की जा रही है। अब पहले से स्थिति सुधार में है।
देवेश पाण्डेय
अध्यक्ष ननि सिंगरौली

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