नयी दिल्ली, (वार्ता) भारतीय महिला हॉकी टीम की फॉरवर्ड शर्मिला देवी ने कहा कि राष्ट्रीय टीम में वापसी का एक मात्र रास्ता सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
हरियाणा की युवा फॉरवर्ड ने राष्ट्रीय टीम से इतने लंबे समय तक दूर रहने के बारे में कहा, “मैंने दिन-रात अपने खेल पर काम किया।
मैं सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनना चाहती थी।
मैं बहुत स्पष्ट थी कि वापसी का यही एकमात्र रास्ता था और मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ देना था।
इसलिए मैंने वही किया।
फॉरवर्ड के रूप में अपने कौशल के साथ मैंने खेल के रक्षात्मक पहलुओं पर भी काम किया।
”
उन्होंने कहा, “यह आसान नहीं था।
मुझे करीब नौ महीने तक राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने का मौका नहीं मिला।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बाद मुझे फरवरी 2024 में एफआईएच हॉकी प्रो लीग में टीम के लिए खेलने का मौका मिला, लेकिन मैं एशियाई खेलों और ओलंपिक क्वालीफायर से चूक गई।
वह कठिन समय था लेकिन मैं मानसिक रूप से मजबूत रही और कड़े प्रशिक्षण के साथ करते हुए धैर्यपूर्वक अपने मौके का इंतजार किया।
”
एफआईएच हॉकी प्रो लीग 2023-24 में चीन के खिलाफ मैदान पर उतरने के बारे में उन्होंने कहा, “मैं एक बार फिर भारतीय जर्सी पहनकर बहुत उत्साहित थी।
यह मेरे लिए बहुत ही फायदेमंद था, क्योंकि मैंने बहुत मेहनत की थी।
अगर हम वह मैच जीत जाते तो मुझे और भी खुशी होती, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो सका।
”
उन्होंने उस करीबी मुकाबले को याद करते हुए कहा, “उन्होंने खेल की शुरुआत में दो गोल की बढ़त ले ली और हमें तुरंत बैकफुट पर ला दिया।
जब हमने तीसरे क्वार्टर में अपना पहला गोल किया तो हम उत्साहित थे।
हमने अंतिम क्वार्टर में उन पर बहुत दबाव बनाया और उन्हें ब्रेक करने पर मजबूर किया।
परिणाम स्वरूप हमारे लिए बराबरी करने का सही मौका बन गया और मैंने उस मौके का इस्तेमाल किया।
वे जल्द ही बढ़त लेने में सफल रहे और हम दूसरा गोल नहीं कर सके, लेकिन यह एक रोमांचक खेल था।
मैं केवल यही चाहती थी कि हम वह मैच जीत पाते।
”
उन्होंने कहा, “जब भी हम मैदान पर उतरते हैं, हम अपना शतप्रतिशत देते हैं।
यह कुछ ऐसा है जो मैंने हमेशा किया है और आगे भी करती रहूंगी।
मैं राष्ट्रीय टीम के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के लिए कड़ी मेहनत करूंगी और समय बीतने के साथ हमें अधिक से अधिक मैच जीतने में मदद करूंगी।
”