झांसी किले से विक्रम बुंदेला ज्योति को सोमवार रात लेकर ग्वालियर पहुंचे। बलिदान मेला के संस्थापक पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया के साथ हजारों लोगों ने शहीद ज्योति की अगवानी की। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी प्रतिमा से शहीद ज्योति बलिदान भूमि लक्ष्मीबाई समाधि पहुंची। समाधि स्थल पर लाकर शहीद ज्योति स्थापित की गई। पूर्व मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया ने ज्योति को रानी की समाधि पर स्थापित किया और पुष्पांजलि की। देशभक्ति गीतों के बीच हजारों लोगों ने रानी लक्ष्मीबाई समाधि पर नमन कर पुष्पांजलि चढ़ाई।
इस अवसर पर श्री जयभान सिंह पवैया ने कहा कि शहीद ज्योति आज रानी लक्ष्मीबाई की 1857 की क्रांति की याद दिलाती है। ग्वालियर की इस धरती पर रानी लक्ष्मीबाई ने शहादत दी थी। रानी के शहादत दिवस पर बीते कई सालों से वीरांगना बलिदान मेला आयोजित किया जा रहा है। इसके जरिए महारानी लक्ष्मीबाई के बलिदान को नमन किया जाता है।
इस अवसर पर सभापति मनोज तोमर, पूर्व विधायक घनश्याम पिरोनिया, विश्व हिन्दू परिषद् के प्रांत उपाध्यक्ष पप्पू वर्मा, धीरेन्द्र सिंह पवैया, राकेश खुरासिया, जिला उपाध्यक्ष अरुण कुलश्रेष्ठ, धर्मेंद्र राणा, कनवर किशोर मंगलानी, रामेश्वर भदोरिया, राजू सेंगर, धर्मेंद्र तोमर, सुरेंद्र शर्मा, सुधीर गुप्ता, केशव माझी, श्रीमती हेमलता बुधौलिया,महामंत्री विनोद शर्मा, विनय जैन, राजू पलैया व आमजन मौजूद रहे।