नयी दिल्ली 14 जून (वार्ता) रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गर्मियों के सीज़न में यात्रियों को होने वाली दिक्कतों को गंभीरता से लेते हुए रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को पांच मोर्चों पर युद्धस्तर पर काम करने के निर्देश दिये हैं जिनमें ट्रेनों में गैरवातानुकूलित स्लीपर एवं अनारक्षित श्रेणी के कोचों की संख्या बढ़ाना और वातानुकूलित कोचों में एयर कंडीशनिंग प्रणाली के खराब होने की शिकायतों को दूर करना शामिल है।
रेलवे के सूत्रों के अनुसार रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री वैष्णव ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रेलवे बोर्ड के सदस्यों एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ जोनल रेलवे के महाप्रबंधकों और सभी मंडल रेल प्रबंधकों (डीआरएम) के साथ एक विस्तृत बैठक की जिसमें यात्रियों की सुविधा के लिए प्राथमिकताएं तय कीं। मंत्री ने गर्मियों की भीड़ के दौरान ट्रेनों में भीड़भाड़ की समस्या का संज्ञान लिया। उन्होंने रेलवे अधिकारियों से भीड़भाड़ की समस्या के समाधान के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया।
सूत्रों ने बताया कि रेल मंत्री ने ट्रेनों में स्लीपर श्रेणी एवं जनरल श्रेणी के कोचों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिये ताकि इन श्रेणियों के यात्रियों को सुगमता से यात्रा करने की सुविधा मिल सके और वे उच्च श्रेणी कोचों में जबरन घुसने के लिए बाध्य ना हों। दूसरा- अत्यधिक तापमान और क्षमता से अधिक यात्रियों के सवार होने से एसी-3 और एसी-2 के कोचों में एयर कंडीशनर फेल हो रहे हैंं जिससे वातानुकूलित श्रेणी के यात्रियों के लिए भी भारी मुश्किल हो रही है। इसे देखते हुए रेल मंत्री ने निर्देश दिये कि गाड़ियों के परिचालन के पहले एसी प्रणाली की ठीक से जांच एवं जरूरी सर्विस की जाये तथा एसी में खराबी की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जाए। स्टेशन परिसरों एवं प्रतीक्षालयों में भी एसी पंखे आदि उपकरण सुचारु रूप में काम करें, यह सुनिश्चित किया जाये।
सूत्रों के अनुसार ट्रेनों में बिना टिकट यात्रा करने वालों को निचली श्रेणी के टिकट लेकर उच्च श्रेणी के काेच में सवार होने वालों पर कार्रवाई का अभियान चलाया जाये। रेल मंत्री ने सभी महाप्रबंधकों एवं डीआरएम को गाड़ियों के परिचालन में समयबद्धता सुनिश्चित की जाये ताकि यात्री समय पर गंतव्य पहुंच सकें। इससे भी वे गर्मी से बच सकें। रेल मंत्री ने समय की पाबंदी पर जोर देते हुए कहा कि ट्रेनों का समय से चलाना होगा। समय की पाबंदी के मोर्चे पर, कुछ खास हिस्सों पर ट्रेन की देरी के मूल कारण का विश्लेषण करने का निर्देश दिया, जो समग्र समय की पाबंदी को प्रभावित करता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गाड़ी के परिचालन में अनुचित अवरोध स्वीकार्य नहीं होंगे। समयपालन के आंकड़ों की सख्ती से निगरानी की जानी चाहिए और समग्र समयपालन में सुधार किया जाना चाहिए।
बैठक में रेल मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सुरक्षा, संरक्षा एवं बुनियादी ढांचा सर्वोपरि है और इस मोर्चे पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। रेल अधिकारियों को तीनों बातों पर भी निरंतर जोर देते रहना होगा। बैठक में इन सभी बिन्दुओं पर गहनता से विस्तृत विचार मंथन किया गया।