हिरन नदी बचाओ मुहिम को लेकर जनप्रतिनिधि और प्रशासन हुआ गंभीर

० जल गंगा संवर्धन अभियान कार्यक्रम के दौरान नवनिर्वाचित सांसद एवं सीधी विधायक ने अतिक्रमण के कारण नदी से नाला बनी हिरन नदी का सीमांकन करा अतिक्रमण से मुक्त कराने कलेक्टर को दिये निर्देश

सीधी 13 जून। शहर में नवभारत की हिरन नदी बचाओ मुहिम को लेकर जनप्रतिनिधि और प्रशासन गंभीर हो चुके हैं। जल गंगा संवर्धन अभियान कार्यक्रम के दौरान नवनिर्वाचित सांसद डॉ.राजेश मिश्रा एवं सीधी विधायक श्रीमती रीती पाठक ने अतिक्रमण के कारण नदी से नाला बनी हिरन नदी का सीमांकन करा अतिक्रमण से मुक्त कराने कलेक्टर को निर्देश दिये।

शहर में शीतलदास मंदिर के तालाब स्थल पर आयोजित जल गंगा संवर्धन अभियान कार्यक्रम के दौरान बुधवार को नवनिर्वाचित सांसद डॉ.राजेश मिश्रा ने कहा कि सीधी बाजार कोतरकला, कोटहा एवं करौंदिया गांव को मिलाकर बना है। सीधी बाजार सूखा नदी एवं हिरन नदी के मध्य में स्थित है। यह दोनो नदियां शहर के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हैं। दुर्भाग्य की बात यह है कि दोनो ही नदियां भारी अतिक्रमण के चलते नाले में तब्दील हो गई। पूर्व कलेक्टर अभिषेक सिंह द्वारा सूखा नदी तट से काफी संख्या में अतिक्रमण हटाकर सडक़ निर्माण की कार्रवाई कराई गई थी फिर भी अभी बहुत कुछ काम सूखा नदी में भी होना बांकी है, जिससे यहां व्यवस्थित सडक़ का निर्माण हो सके और पौधरोपण हो। सडक़ के दोनो तरह पौधों के लग जाने के बाद लोगों को टहलने के लिये अच्छी जगह मिलेगी और शुद्ध हवा भी।

उधर हिरन नदी का स्वरूप भी भारी अतिक्रमण के चलते नाले में तब्दील हो चुका है। कलेक्टर हिरन नदी की भूमि चिन्हित कराने के लिये पुराने नक्शे पर सीमांकन की कार्रवाई करायें, जिससे अतिक्रमण हटाने की राह भी प्रशस्त हो सके। डॉ.मिश्रा ने कहा कि आज कुछ लोगों की मानसिकता में अतिक्रमण करना शामिल हो चुका है। जहां खाली जगह नजर आई पहले बाड़ी लगाकर अवरूद्ध कर लिया गया। कुछ दिन बाद यहीं पर टीन लगाकर ऊपर से पन्नी लगाकर छाया कर लिया जाता है। कुछ दिनों बाद मालूम पड़ता है कि अंदर ही अंदर दीवार खड़ी कर ली गई है। किसी एक व्यक्ति के स्वार्थ के लिये समूचे समाज के साथ अन्याय नहीं किया जा सकता। अतिक्रमण के चलते आगे चलकर बड़ी समस्याएं खड़ी हो जाती हैं। नगर पालिका के कर्मचारी हर वार्ड के लिये नियुक्त है, इसके अलावा हल्का पटवारी भी पदस्थ हैं। इन सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है कि जहां भी अतिक्रमण हुआ है उसकी त्वरित सूचना देकर कार्रवाई सुनिश्चित करायें। अतिक्रमण को लेकर सभी लोगों को आवाज मुखर करने की जरूरत है तभी यह बंद होगा।

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क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि और आला अधिकारी

हिरन नदी के जीर्णोद्धार के संबंध में कलेक्टर से कहा गया है कि जल्द सीमांकन कराकर स्थल का निर्धारण किया जाए। अतिक्रमण से सभी का नुकसान होता है। एक व्यक्ति के लाभ के लिये पूरे समाज का नुकसान नहीं किया जा सकता।

डॉ.राजेश मिश्रा, सांसद सीधी

हिरन नदी की समस्या पर चार दिन पहले कलेक्टर से हमने कहा है कि नगर पालिका सीएमओ से चर्चा कर पूरी कार्ययोजना बनाएं। हिरन नदी का सीमांकन पुराने नक्शे के अनुसार करायें और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू होनी चाहिये। हिरन नदी जो अब नाला बन चुकी है उसको नदी के स्वरूप में लौटाना हम सबकी जिम्मेदारी है।

श्रीमती रीती पाठक, विधायक सीधी

हिरन नदी के अतिक्रमण का प्रकरण संज्ञान में आया है। इस पर राजस्व और नगर पालिका को बोला गया है कि संयुक्त दल बनाकर मौके पर भौतिक सत्यापन की कार्रवाई करें। प्रारंभ में संबंधित लोगों को स्वयं अपना अतिक्रमण हटाने के लिये कहा जायेगा, यदि वह नहीं हटाते हैं तो प्रशासनिक कार्रवाई की जायेगी। इस पर प्राथमिकता से कार्रवाई होगी।

स्वरोचिष सोमवंशी, कलेक्टर सीधी

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