कुवैत सिटी/नयी दिल्ली, 13 जून (वार्ता) कुवैत में अहमदी प्रांत के मंगाफ क्षेत्र में भारतीय श्रमिकों के आवास वाली छह मंजिला इमारत में लगी आग में मारे गये 49 लोगों में कम से कम 42 भारतीय हैं।
विदेश राज्य मंत्री केवी सिंह ने गुरुवार को उन अस्पतालों में से एक का दौरा किया, जहां घायल भारतीयों को उपचार के लिए भर्ती कराया गया है। वह कुवैत सिटी पहुंचने के बाद तुरंत जाबेर अस्पताल पहुंचे और वहां भर्ती घायल भारतीयों से मिले।
मृतक 42 भारतीयों में से 14 केरल के निवासी थे और बाकी तमिलनाडु तथा उत्तर प्रदेश जैसे अन्य राज्यों के थे। भारतीयों के अलावा मरने वाले बाकी लोग पाकिस्तानी, फिलिपींस, मिस्र और नेपाल के नागरिक थे।
घायल हुए 50 से अधिक लोगों में से 35 लोग गहन देखभाल में हैं, जिनमें से सात की हालत गंभीर है। पांच लोगों को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। घायलों का इलाज कुवैत के पांच सरकारी अस्पतालों, अदन, जाबेर, फरवानिया, मुबारक अल कबीर और जाहरा अस्पतालों में किया जा रहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर पोस्ट किया, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के निर्देश पर, राज्य मंत्री के वी सिंह कुवैत पहुंचे हैं और आग की घटना में कल घायल हुए भारतीयों का हालचाल जानने के लिए तुरंत जाबेर अस्पताल पहुंचे। उन्होंने अस्पताल में भर्ती छह घायलों से मुलाकात की। वे सभी सुरक्षित हैं।”
कुवैती अधिकारियों ने कहा है कि पीड़ितों की पहचान के लिए डीएनए परीक्षण किया जायेगा। आग की घटना छह मंजिला इमारत में हुई, जहां एक निजी कंपनी के करीब 196 कर्मचारी रहते थे। शुरुआती जांच में बताया गया कि भूतल पर रसोई में आग लगी और तेजी से फैल गयी। रसाई में करीब 20 सिलिंडरों का भंडारण किया गया था जिसके कारण इतनी बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए हैं।
जांच रिपोर्ट में यह भी संकेत दिया गया है कि रात की शिफ्ट पूरी करने के बाद अधिकांश कर्मचारी पांचवीं और छठी मंजिल पर सो रहे थे। अधिकांश की मौत जहरीले धुएं से दम घुटने के कारण हुई।